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शनिवार, 26 नवंबर 2022

उदंत मरुतृण प्रकाशन द्वारा प्रकाशित गायत्री चक्रवर्ती की अनुवादित पुस्तकों का लोकार्पण व सम्मान समारोह संपन्न

24 नवंबर, कोलकाता (विज्ञप्ति)। इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेसन्स (  ICCR ) के ऑडिटोरियम में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन हुआ । आयोजन पद्मश्री  स्वामी शिवानन्द बाबा के सम्मान , गायत्री चक्रवर्ती द्वारा बंगला से हिंदी में अनुवादित नौ पुस्तकों के लोकार्पण एवं बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी जी के गीतों की सीडी के लोकार्पण पर आधारित था।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती चक्रवर्ती की प्रकाशित नौ पुस्तकों में से पाँच पुस्तकों  का प्रकाशन कोलकाता के उदंत मरुतृण प्रकाशन ने किया है ,  इन प्रकाशित पुस्तकों में शामिल हैं 1.  दैवी कृपा से रोगमुक्ति व समस्या का समाधान स्वामी शिवानन्द बाबा निःस्वार्थ निष्काम कर्मयोग व भक्ति मार्ग के मार्गदर्शक , अवतरण: 8 अगस्त 1896 ,संकलक एवं लेखक: असीम कृष्ण पाइन अनुवाद - गायत्री चक्रवर्ती 2.अनन्य व्यक्तित्व के अधिकारी पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखोपाध्याय , लेखक  - डॉ. सुशील भट्टाचार्य, डी. लिट. , अनुवादक - गायत्री चक्रवर्ती 3.आमार आमि एक अनन्त जीवन ,संकलनकर्ता , समीर कुमार घोष ,अनुवाद - गायत्री चक्रवर्ती 4.अन्यस्वाद(काव्य-संग्रह) लेखक -अमृतेन्द्र हाइत, अनुवाद -गायत्री चक्रवर्ती एव॔ 5.वास्तु के पैंतालीस देवता, गायत्री चक्रवर्ती के द्वारा लिखित पुस्तक शामिल हैं।  इस आयोजन में अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल रहे 127 साल के संत पद्मश्री स्वामी शिवानंद बाबा जिन्हें सम्मानित भी किया गया , इनके अतिरिक्त मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पं. बंगाल के पूर्व राज्यपाल जस्टिस श्यामल कुमार सेन ने सर्वधर्म सद्भाव पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि आज के युग में भले ही हमारे पास भौतिक सुख बहुत हैं पर हम मूल्यबोध खो रहे हैं, इसे बचाने की जरूरत है और इसके लिए सभी धर्मों का समन्वय करना होगा , समारोह में उपस्थित भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि योग चर्चा से ही रोग मुक्ति सम्भव है और स्वामी शिवानंद ने जीवन भर इस दिशा में कार्य किया है , हम सभी को योग, आयुर्वेद जैसी परम्पराओं का प्रसार करना चाहिए , कैथेड्रल चर्च के प्रो वॉयसर फादर फ्रैंकलिन मेंजिस ने कहा कि हमें भारतीय परम्पराओं पर गर्व होना चाहिए और इसका प्रसार भी करना चाहिए , रामकृष्ण कथामृत भवन के स्वामी सिद्धेश्वरानंद ने कहा कि त्याग में ही आनंद है और मानव सेवा में ही मुक्ति है।  रामकृष्ण परमहंस, माँ शारदा और स्वामी विवेकानंद के पथ पर चलकर हम पूरे विश्व में मानवता का प्रसार कर सकते हैं और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को आगे बढ़ा सकते हैं । इंटरनेशनल वेदान्त सोसायटी के स्वामी अच्युतानंद ने कहा कि शांत रहकर ही शांति स्थापित की जा सकती है । आईसीसीआर के पूर्व निदेशक गौतम दे ने कहा कि संस्कृति लोगों तक पहुँचने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है । वीर चक्र विजेता कर्नल एस. के. पुरी ने कहा कि परम्पराओं को लुप्त नहीं होने देना चाहिए । 
        पुस्तकों के प्रकाशन के संबंध में उदंत मरुतृण प्रकाशन के संस्थापक एवं मरुतृण साहित्य पत्रिका के संपादक, साहित्यकार सत्य प्रकाश भारतीय ने अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि बंगला पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद होना दोनों ही भाषा के लिए एक सुखद खबर है और ऐसी कोशिश दोनों ही भाषाओं के बीच सेतु का काम करेगी , उन्होंने विशेष तौर पर दैवी कृपा से रोगमुक्ति व समस्या का समाधान स्वामी शिवानन्द बाबा निःस्वार्थ निष्काम कर्मयोग व भक्ति मार्ग के मार्गदर्शक का जिक्र करते हुए कहा कि शायद ऐसी पुस्तक अब तक किसी भाषा में उपलब्ध नहीं है , सत्य प्रकाश भारतीय तमाम पुस्तकों के लेखक एवं अनुवादिका गायत्री चक्रवर्ती को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित किया । इस अवसर पर कुछ बच्चों ने योग और नृत्य की भी प्रस्तुति की जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा ।
       कार्यक्रम का समापन गायत्री चक्रवर्ती ने सबको धन्यवाद ज्ञापित कर किया ।

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