हाइलाइट
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पीआईबी । संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आध्यात्मिक नेताओं का एक सम्मेलन आयोजित किया जिसमें 26 आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आध्यात्मिक नेताओं को आजादी का अमृत महोत्सव में मार्गदर्शन करने और भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इस बैठक की अध्यक्षता उत्तर पूर्वी क्षेत्र के संस्कृति, पर्यटन और विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसदीय मामलों के राज्य मंत्री; और संस्कृति अर्जुन राम मेघवाल ने की । आध्यात्मिक संगठनों के शीर्ष नेताओं के साथ संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविन्द मोहन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री रेड्डी ने कहा, ''अकाम के तहत 28 राज्यों, 9 केंद्र शासित प्रदेशों और 150 से अधिक देशों में 1 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। आजादी के बाद भारत के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। AKAM केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है बल्कि 130 करोड़ भारतीयों का कार्यक्रम है। उन्होंने यह भी कहा, "भारत में युवाओं की बड़ी आबादी है और धर्म, क्षेत्र, भाषा से ऊपर उठकर इन सभी को मिलकर भारत को विश्वगुरु बनाना चाहिए।"
इस अवसर पर श्री मेघवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत का विकास मानवता केंद्रित होना चाहिए और यह केवल आध्यात्मिक नेताओं के मार्गदर्शन में ही संभव है"। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद का उदाहरण देते हुए कहा, "आध्यात्मिक नेताओं ने भी स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत का मूल मूल्य आध्यात्मिकता है"। उन्होंने आगे कहा, 'एकजुट रहने की जरूरत है तभी विकसित भारत का सपना पूरा हो सकता है।'
सम्मेलन में परमनिकेतन आश्रम, उत्तराखंड के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती सहित आध्यात्मिक नेताओं; गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या; क्रिया योग शिक्षण और ध्यान केंद्र, पुरी के स्वामी योगेश्वरानंद ने सभा को संबोधित किया।
आजादी का अमृत महोत्सव (AKAM)' एक प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 गौरवशाली वर्षों को मनाने के लिए एक सतत उत्सव है। यह भारत के लोगों को समर्पित है जो देश के विकास और इसकी विकासवादी यात्रा में सहायक रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के संदर्भ में संस्कृति मंत्रालय सांस्कृतिक गौरव के विषय पर अभियान चला रहा है।
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