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रविवार, 16 अक्टूबर 2022

लखीमपुर / मानवता की मिसाल बनें मृगांक

न कोई जान, न पहचान, फिर भी बचा दिया जान। आज शोषल मीडिया के एक मैसेज पर, जिंदगी मौत से जूझ रही एक मरीज को रक्त देकर समाजसेवी मृगांक शेखर उपाध्याय ने प्रेरणादायी मिशाल पेश की है।
     आज सुबह फेसबुक पर वायरल एक मैसेज की जानकारी होते ही लखीमपुर के समाजसेवी मृगांक शेखर उपाध्याय ने मोतीपुर ( ओयल) स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया और मरीज अनन्या श्रीवास्तव की ठिठकती, छिटकती जिंदगी को दौड़ाने का प्रयास किया। मरीज व मृगांक शेखर के बीच सूत्रधार बने साहित्यधर्मी यदुनाथ सिंह मुरारी, पत्रकार अनिल श्रीवास्तव व विओम हेल्थकेयर के विवेक श्रीवास्तव का प्रयास अनुकरणीय रहा। 
आज सुबह उक्त जरूरतमंद की करुण पुकार फेसबुक पर सक्रिय अजीत इंदु की एक पोस्ट के माध्यम से श्री मुरारी ने लखनऊ में पढ़ी थी जिसे लखीमपुर श्री अनिल के पास अग्रसारित कर गम्भीरता से लेने के लिए कहा था। श्री अनिल ने उक्त संदर्भ में विओम हेल्थकेयर के श्री विवेक श्रीवास्तव को सूचित कर पूरी बात बताई। श्री विवेक ने नोएडा से लखीमपुर समाजसेवियों में मरीजों की स्थिति बता कर रक्तदान की मांग की थी। मरीज की स्थिति, परिस्थिति व मनोस्थिति देखकर श्री मृगांक शेखर उपाध्याय ने रक्तदान कर मरीज को स्थिर रख स्वस्थ्य करने का सार्थक प्रयास किया।
आभासी दुनिया के सन्देश पर वास्तविक मदद को आगे आने वाले मानवीयता के प्रदीप्त दीपक मृगांक शेखर उपाध्याय दिल्ली/एनसीआर की प्रसिद्ध सामाजिक संस्था नवरत्न फाउंडेशन्स के नवरत्न अवॉर्डी भी हैं। 

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