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गुरुवार, 18 दिसंबर 2025

Lmp चित्रांश रत्न सम्मान से विभूषित हुए प्रसिद्ध कवि डॉ. विष्णु सक्सेना

चित्रांश रत्न सम्मान से विभूषित हुए प्रसिद्ध कवि डॉ. विष्णु सक्सेना 

लखीमपुर खीरी। शब्दों की साधना और संवेदना की साख को जब समाज नमन करता है, तब वह क्षण केवल स्वागत का नहीं, साहित्य की प्रतिष्ठा का उत्सव बन जाता है। देश के विख्यात कवि डॉ. विष्णु सक्सेना के लखीमपुर आगमन पर श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा, लखीमपुर द्वारा ऐसा ही एक गरिमामय, भावपूर्ण एवं प्रेरणादायी सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जहाँ काव्य के प्रति श्रद्धा और सम्मान की सुगंध वातावरण में घुलती दिखाई दी।

समारोह में संस्था अध्यक्ष चित्रांश अनूप सिंह ने कहा कि डॉ. विष्णु सक्सेना केवल एक कवि नहीं, बल्कि हिंदी काव्य की सशक्त पहचान हैं, जिनकी रचनाएँ देश ही नहीं, विदेशों में भी साहित्यप्रेमियों के हृदय में स्थान बनाए हुए हैं। उनकी कविता संवेदना की भाषा बोलती है और समय की सच्चाइयों को स्वर देती है। संस्था संरक्षक डॉ. ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने डॉ. सक्सेना की साधना को रेखांकित करते हुए कहा कि अथक परिश्रम, निरंतर लगन और शब्दों के प्रति निष्ठा ने उन्हें विशिष्ट पहचान दिलाई है। वहीं भारतीय योग संस्थान की महिला प्रधानअर्चना श्रीवास्तव ने उन्हें अद्भुत प्रतिभा का धनी बताते हुए कहा कि उनकी कविताएँ मन को छूती ही नहीं, दिशा भी देती हैं। इस अवसर पर डॉ. विष्णु सक्सेना को अंगवस्त्र धारण कराकर, शाल्यार्पण एवं स्मृति चिह्न भेंट करते हुए चित्रांश रत्न सम्मान से विभूषित किया गया। यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तित्व का अभिनंदन था, बल्कि हिंदी साहित्य की गरिमा को नमन भी। सम्मान समारोह के दौरान अध्यक्ष अनूप सिंह द्वारा रचित पुस्तक “हरपल लाइफ का” की प्रति तथा संरक्षक डॉ. श्रीवास्तव द्वारा पेंशनर्स से संबंधित एक उपयोगी पुस्तिका भेंट की गई।

 वहीं दैनिक जनजागरण न्यूज की ओर से भी अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर कवि सक्सेना का सम्मान किया गया। समारोह में प्रसिद्ध कवि कुलदीप समर, पत्रकार अनिल श्रीवास्तव, चंद्रशेखर शुक्ला सहित गणमान्य जन उपस्थित रहे। यह आयोजन न केवल एक कवि का सम्मान था, बल्कि यह संदेश भी कि जब समाज साहित्य को सम्मान देता है, तब संस्कृति स्वयं समृद्ध होती है।

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