Breaking

मंगलवार, 9 दिसंबर 2025

Lmp. 14 Dec. को बिसवां सृजन तीर्थ में दमकेगी "सशक्त कलमकार" की "अमर" साधना

🔘 बिसवां सृजन तीर्थ में दमकेगी "सशक्त कलमकार" की "अमर" साधना

🔘 साहित्य सृजन संस्थान का "सृजन महोत्सव 2025" 14 दिसंबर को

लखीमपुर। अखिल भारतीय साहित्यिक, सामाजिक और शैक्षिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध प्रतिष्ठित संस्था साहित्य सृजन संस्थान आगामी 14 दिसंबर, रविवार को बिसवां की संस्कृति के केंद्र स्व. हरगोविंद वर्मा गन्ना समिति सभागार, दि सेक्सारिया शुगर फैक्ट्री परिसर में ‘सृजन महोत्सव 2025’ का भव्य आयोजन करने जा रही है। सृजन, समर्पण और सकारात्मक परिवर्तन के इस अलौकिक उत्सव में विचारों का संवाद, रचनात्मकता का उद्गम और साहित्य की तेजस्वी धारा एक साथ प्रवाहित होगी।

इस महोत्सव के प्रथम सत्र ‘सृजन सरोकार’ में नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी, संवेदनशील साहित्यकार राम मोहन गुप्त ‘अमर’ को उनके सृजनात्मक लेखन, सामाजिक चेतना और कलम की प्रखर शक्ति के सम्मान में प्रतिष्ठित ‘सशक्त कलमकार सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा। 

          समाजसेवी साहित्यकार राम मोहन गुप्त अमर 

यह सम्मान न केवल उनकी साहित्य यात्रा का अभिनंदन है, बल्कि युवा रचनाकारों के लिए प्रेरणा का ज्योति स्तम्भ भी सिद्ध होगा। महोत्सव तीन विशिष्ट सत्रों उद्घाटन एवं सृजन सरोकार, सृजन संवाद एवं नागरिक अभिनंदन, तथा सृजन के सारथी एवं राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के रूप में संयोजित किया गया है। दूसरे सत्र का विशेष आकर्षण होगा न्यूज़ 18 के लोकप्रिय टीवी शो ‘भैय्या जी कहिन’ के चर्चित प्रस्तोता प्रतीक त्रिवेदी का नागरिक अभिनंदन। इसी क्रम में समाज सेवा, पत्रकारिता, साहित्य, शिक्षा और अकादमिक उपलब्धियों से जुड़े अनेक विशिष्ट प्रतिभाओं का सम्मान भी किया जाएगा। मेधावी छात्रों, रचनात्मक प्रतियोगिताओं के विजेताओं और पाठकों को भी मंच पर गौरव अनुभूति का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम में देश भर से पधार रहे विद्वानों, साहित्यकारों, विचारकों और सृजनशील हस्तियों के बीच वैचारिक संबोधन, सामयिक विषयों पर सारगर्भित संवाद, तथा राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में गूंजती काव्य ध्वनि महोत्सव को अविस्मरणीय बनाएगी।

 इस महोत्सव के सूत्रधार, साहित्य सृजन संस्थान एवं सृजन पुस्तकालय बिसवां के संस्थापक अध्यक्ष व प्रख्यात साहित्यकार संदीप मिश्र ‘सरस’, संरक्षक रमेश बाजपेई ‘विरल’ तथा आयोजन टीम के समर्पित सदस्यों ने बताया कि यह आयोजन सृजनशीलता को नई दिशा देने, साहित्यिक चेतना को उभारने और समाज में सकारात्मक ऊर्जा संचारित करने का प्रयास है। सृजन महोत्सव 2025 न केवल एक साहित्यिक आयोजन है, बल्कि समाज की सामूहिक चेतना, संवाद और रचनाधर्मिता का पावन पर्व बनकर सामने आएगा जहाँ कलम का मान, विचारों का सम्मान और सृजन का उत्थान एक साथ चमकेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Comments