भारत सरकार एससीएल मोहाली में ₹4,500 करोड़ का निवेश करेगी; प्राइवेटाइजेशन से इंकार
भारत सरकार ने एससीएल मोहाली के अगले चरण के आधुनिकीकरण के लिए पंजाब सरकार से माँगी 25 एकड़ ज़मीन
मोहाली, 28 नवंबर: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह बिट्टू ने सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी (एससीएल), मोहाली का दौरा किया और कार्य प्रगति व चल रही आधुनिकीकरण गतिविधियों की समीक्षा की।
इस दौरे के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि भारत सरकार एससीएल मोहाली को अपग्रेड और विस्तार देने के लिए ₹4,500 करोड़ का निवेश करेगी। इसमें उत्पादन क्षमता में बड़े पैमाने पर वृद्धि शामिल होगी, जिसका लक्ष्य मौजूदा स्तर की तुलना में वेफर उत्पादन को 100 गुना तक बढ़ाना है।
केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया, “इसमें कोई शक नहीं है। एससीएल मोहाली का पूर्ण आधुनिकीकरण किया जाएगा और इसे प्राइवेटाइज़ नहीं किया जाएगा। आगे एक बड़ा सफ़र है, और भारत इसके लिए तैयार है।”
कार्यक्रम के दौरान, एससीएल मोहाली में केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को 17 अकादमिक संस्थानों के स्टूडेंट्स द्वारा डिज़ाइन किए गए 28 चिप्स सौंपे गए। ये चिप्स इलेक्ट्रॉनिक डिज़ाइन ऑटोमेशन (ईडीए) टूल्स का उपयोग करके तैयार किए गए हैं, जो छात्रों को चिप्स-टू-स्टार्टअप (सी2एस) प्रोग्राम के तहत उपलब्ध कराए गए हैं। इस प्रोग्राम के अंतर्गत एससीएल में अब तक स्टूडेंट्स द्वारा डिज़ाइन किए गए कुल 56 चिप्स बनाए जा चुके हैं।
मंत्री ने सेमीकंडक्टर प्रोसेस गैलरी और अभ्युदय ट्रेनिंग ब्लॉक का भी उद्घाटन किया।
सेमीकंडक्टर प्रोसेस गैलरी में पुरानी पीढ़ी के फैब्रिकेशन टूल्स से सुसज्जित एक क्लीनरूम लैब प्रदर्शित की गई है, जो छात्रों को सेमीकंडक्टर फैब और एटीएमपी सुविधा का वास्तविक अनुभव कराती है।
अभ्युत्थान प्रशिक्षण ब्लॉक में सेमीकंडक्टर ट्रेनिंग से संबंधित ऑनलाइन और ऑफलाइन मॉड्यूल शामिल हैं, साथ ही फायर और सेफ्टी की हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग भी प्रदान की जाती है।
एससीएल मोहाली के लिए रोडमैप
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एससीएल मोहाली के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है और प्रमुख विज़न क्षेत्रों को रेखांकित किया है।
एससीएल को आधुनिक तकनीक के अनुरूप अपग्रेड किया जाएगा और सरकार 4,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसमें उत्पादन क्षमता में व्यापक बढ़ोतरी शामिल होगी, जिसका लक्ष्य मौजूदा स्तर से वेफर उत्पादन को 100 गुना तक बढ़ाना है।
एससीएल मोहाली छात्रों, शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप्स को फैब्रिकेशन सुविधा उपलब्ध कराकर उनका समर्थन जारी रखेगी, जिससे वे अपने चिप डिज़ाइन को वास्तविक सिलिकॉन में बदल सकें।
वर्ल्ड-क्लास ईडीए टूल्स
भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहाँ लगभग 300 विश्वविद्यालयों के छात्र सरकारी सहायता से प्राप्त वर्ल्ड-क्लास ईडीए टूल्स का उपयोग करके सेमीकंडक्टर चिप्स डिज़ाइन कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि यह इकोसिस्टम दुनिया में एक अनूठा मॉडल है।
उन्होंने दोहराया कि एससीएल टैलेंट डेवलपमेंट, इनोवेशन और स्टार्ट-अप्स के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म बना रहेगा। एससीएल द्वारा उपलब्ध कराई जा रही फैब्रिकेशन सुविधा भविष्य में और बढ़ाई जाएगी।
एससीएल के अगले चरण के मॉडर्नाइज़ेशन कार्यक्रम को समर्थन देने के लिए भारत सरकार ने पंजाब सरकार से 25 एकड़ भूमि प्रदान करने का अनुरोध भी किया है।
स्ट्रैटेजिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता
मंत्री ने कहा कि रणनीतिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता अत्यंत आवश्यक है, और भारत स्वदेशी चिप विकास के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार करेगा। सी-डैक, डीआरडीओ और अन्य संस्थानों का एक मज़बूत समूह मिलकर घरेलू चिप्स के डिज़ाइन, उत्पाद विकास और विनिर्माण पर काम करेगा।
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