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मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025

Lmp. मत्स्यपालकों की मुस्कान ही प्रदेश की समृद्धि का प्रतीक है : डॉ. संजय निषाद

🔘 खुशहाली की लहरों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने का संकल्प

लखीमपुर खीरी, 14 अक्टूबर। नीले आसमान के नीचे, झिलमिलाते जलाशयों की लहरों में जब उम्मीदें तैरने लगती हैं, तो वहीं से मछुआरों के जीवन की कहानी शुरू होती है। इन्हीं मेहनतकश हाथों की खुशहाली को अपना लक्ष्य मानते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) डॉ. संजय कुमार निषाद सोमवार को लखीमपुर खीरी पहुंचे।
जनपद आगमन पर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और एसपी संकल्प शर्मा ने मंत्री का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। तत्पश्चात मंत्री ने एलआरपी स्थित लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में विभागीय समीक्षा बैठक की, जिसमें सीडीओ, उपनिदेशक मत्स्य सृष्टि यादव, एलडीएम, सिंचाई विभाग तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि “मछुआरे केवल जल से मछली नहीं निकालते, वे गांवों की अर्थव्यवस्था में जीवन का संचार करते हैं।" उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक मत्स्यपालक को केसीसी योजना से जोड़ा जाए ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें। डॉ. निषाद ने अधिकारियों को यह भी आदेश दिया कि मछुआ दुर्घटना बीमा योजना और मत्स्यपालक कल्याण कोष की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति इन योजनाओं से वंचित न रह जाए। उन्होंने कहा "मछुआरे हमारे अन्नदाता जितने ही महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे जल में जीवन का पोषण करते हैं। उनकी समृद्धि पूरे गांव और जिले की समृद्धि है।" मंत्री ने मत्स्यपालकों को तकनीकी प्रशिक्षण और आधुनिक पालन विधियों से जोड़ने पर बल दिया, ताकि उत्पादन और आमदनी दोनों में वृद्धि हो सके। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में जब मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने जिले की वर्तमान स्थिति और चुनौतियों की जानकारी दी, तो मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार हर स्तर पर मत्स्यपालकों के साथ है।
मंत्री के शब्दों में "यह सिर्फ योजनाओं की बात नहीं है, यह उन मेहनतकश हाथों का सम्मान है जो झीलों, तालाबों और नदियों में भविष्य की रोटी तलाशते हैं। राज्य तभी खुशहाल होगा, जब मछुआरों की झोपड़ियों में भी उजाला फैलेगा।" लखीमपुर की धरती ने उस दिन यह संदेश दिया कि जब नीति, नीयत और निष्ठा एक साथ चलें  तो खुशहाली केवल एक सपना नहीं, बल्कि साकार होती तस्वीर बन जाती है।

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