कवि अनूप मिश्रा तेजस्वी के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर
साहित्यकारों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर व्यक्त की शोक संवेदना
पुवायां ,शाहजहांपुर। पिछले एक दशक से कैंसर से जूझ रहे पुवायां के राज कवि गंगाधर गंग के सुपौत्र और राधारमण मिश्रा के सुपुत्र साहित्यकार और कवि अनूप मिश्रा तेजस्वी (55) रविवार सुबह 6:00 बजे चिर निद्रा में लीन हो गए।
जानकारी के अनुसार कवि और साहित्यकार अनूप मिश्रा तेजस्वी पिछले एक दशक से कैंसर चेक पीड़ित थे।
लखनऊ कैंसर इंस्टिट्यूट में दो बार ऑपरेशन भी हो चुका था तीसरी बार उन्हें फिर कैंसर के लक्षण दिखाई देने के उपरांत जनवरी 2024 में पुनः अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
पुवायां राज परिवार में दरबारी कवि रहे गंगाधर गंग भी ख्यातिलब्ध कवि थे।
उनकी विरासत को सुपौत्र अनूप मिश्रा तेजस्वी बखूबी आगे बढ़ा रहे थे ।
उनकी रचनाएं ओजस्विता और सामाजिक जन जागरण से परिपूर्ण हैं। तमाम मंचों से राष्ट्र साधना की हुंकार भरकर आजीवन हिंदी सेवा करते रहे अनूप मिश्रा ने रविवार सुबह 6 बजे अंतिम सांस ली।
पिछले दिनों जनवरी माह में गणतंत्र दिवस सप्ताह के अवसर पर राजभाषा विभाग दिल्ली की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करके जनपद का मान बढ़ाया चुके हैं।
वे अपने पीछे पत्नी मोनी मिश्रा (45) बेटी आरज़ू मिश्रा (24) बेटा आयुष मिश्रा,(22) और अर्णव (12) को छोड़ गए हैं।
कवि डॉ प्रदीप वैरागी ने उनके निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि,"अनूप मिश्रा तेजस्वी के निधन से साहित्य जगत में अपूर्णनीय क्षति हुई है।
तमाम गणमान्य नागरिकों और साहित्यकारों ने पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की।
प्रमुख रूप से राजेश शुक्ला, राजेश नीलम गुप्ता, राजेश वैश्य, कपिल मोहन बाजपेई, शिशिर बाजपेई, कवि संदीप गुप्ता, अरविन्द पण्डित, शिवोम शुक्ला, राजीव राजे,कालीचरण, राम प्रताप वियोगी, रामबाबू शुक्ला, राजीव शर्मा, सुबोध वर्मा एडवोकेट, राजकुमार गुप्ताआदि ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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