गंगा की बाढ़ से मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट जलमग्न
कही छत पर तो कहीं गलियों में जल रहीं चिताएं, जगह की कमी होने की वजह से करना पड़ रहा इंतजार
वाराणसी धर्म नगरी में जहां एक तरफ वाराणसी के प्राचीन मणिकर्णिका घाट पर छत पर शवदाह हो रहा है, वहीं मंदिर का शिखर भी डूबते हुए नजर आ रहा हैं।दूसरी ओर वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा का पानी इतना आगे बढ़ चुका है कि वह सीधे सीढ़ियों के ऊपर स्थित जल पुलिस कार्यालय तक भी पहुंच चुका है, जिसके बाद अब कार्यालय को दूसरे जगह पर अस्थायी रूप से कैंप के माध्यम से तैयार किया गया है। गंगा घाट पर हर तरफ सिर्फ पानी ही नजर आ रहा है। अब गंगा सीढ़ियों से ऊपर उठकर गलियों की तरफ रुख कर रही हैं।इससे पहले ही गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से प्राचीन गंगा आरती को छत पर संपन्न कराया जा रहा है। वहीं अब गंगा घाट का दैनिक कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा हैं।
गंगा से सटे इलाके में पानी के स्तर को बढ़ता देख आसपास के लोगों में चिंता बनी हुई है और घरों में पानी के घुसने का डर सता रहा है। हलांकि प्रशासन की तरफ से राहत कार्य और बचाव दल की टीमों को तैनात कर दिया गया है।साफ देखा जा सकता है कि दूर दूर तक सिर्फ गंगा में पानी देखा जा रहा है। वहीं लोग अब अपने आप को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं।वहीं आसपास के होटल भी पानी से लबालब नजर आ रहे हैं जिनके बाहर नावों को लगाया गया है और बचाव दल के कर्मी पूरी मुस्तैदी से राहत कार्य में लगे हुए हैं। फिलहाल इस स्तिथि से बचने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और हालातों पर नजर बनाए हुए है।
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