Breaking

सोमवार, 28 जुलाई 2025

छोटी काशी में शिवत्व की गूंज : फूलों की वर्षा, भक्ति की सरिता और ममता का स्पर्श, जिलाधिकारी बनीं कावड़ पथ की यात्री

✍️ विशेष संवाददाता | दैनिक जनजागरण न्यूज | गोला, लखीमपुर खीरी | 27 जुलाई

सावन के पवित्र तीसरे सोमवार को जब भोर की पहली किरण छोटी काशी गोला के आकाश को छूती है, तो ऐसा लगता है मानो पूरा नगर शिवभक्ति के अमृत में स्नान कर रहा हो। कांवड़ियों की जयकार, ढोल-नगाड़ों की गूंज, भगवा पताकाओं की लहर, और शिव नाम की अविरल धारा... इसी अद्भुत दृश्य में एक और आस्था की बूँद जुड़ी  जब जनपद की जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल स्वयं शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा करती नजर आईं।

 फूलों की बारिश में श्रद्धा की महक

शिवम् तिराहा पर सजे मंच से जब डीएम ने श्रद्धालुओं पर फूल बरसाए, तो वातावरण गूंज उठा “हर-हर महादेव” के उद्गारों से। फूलों के साथ बरसीं आशीर्वाद की भावनाएं। चेहरे भक्ति में भीगे, और आँखें कृतज्ञता से नम हो उठीं। इस भव्य स्वागत में नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला 'रिंकू', विधायक प्रतिनिधि मोंटू गिरी, एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह, एसडीएम युगांतर त्रिपाठी सहित पूरा प्रशासनिक अमला एकाकार हो गया।

 जब जिलाधिकारी बनीं कांवड़ पथ की यात्री

सिर्फ मंच से नहीं, डीएम पदयात्री बनकर कांवड़ पथ पर उतर आईं। उन्होंने मार्ग की व्यवस्था, जल सेवा, चिकित्सा केंद्र, बैरिकेडिंग, रूट डायवर्जन आदि का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखा। उनकी मौजूदगी से न केवल व्यवस्थाएं बेहतर दिखीं, बल्कि यह संदेश भी गया कि प्रशासन सेवा में नहीं, श्रद्धा में है।

 ममता का रूप बनीं डीएम – खोया बच्चा मिला माँ जैसी छांव

श्रावण की इस भीड़ में जब सैधरी विद्यालय का मासूम आलोक अपने बाबा से बिछड़ गया, तो रोते-रोते पहुंचा खोया-पाया केंद्र, जहाँ स्वयं डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल मौजूद थीं। उन्होंने न केवल बच्चे को सहेजा, चुप कराया, बल्कि उसे भोजन कराया और सुरक्षित परिजनों से मिलवाया। यह दृश्य केवल एक प्रशासनिक कर्मठता नहीं, माँ-सी ममता का प्रमाण था एक जिलाधिकारी का भावनात्मक और मानवीय पक्ष।

 छोटी काशी में श्रद्धा भाव से किया पूजन

बाबा भोलेनाथ के प्राचीन मंदिर में डीएम ने एडीएम के साथ विधिवत पूजन-अर्चन किया, जलाभिषेक कर जनपदवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि जनता से जुड़ाव का प्रतीक था।

यह सोमवार केवल एक धार्मिक दिन नहीं था, यह प्रशासन और जनता के बीच विश्वास की एक मजबूत डोर का प्रमाण बन गया। शिवभक्ति, सेवा, ममता और सुरक्षा  सब कुछ समेटे यह दिन छोटी काशी गोला के इतिहास में एक शाश्वत स्मृति बन गया। जहाँ सेवा में श्रद्धा हो, वहाँ प्रशासन भी पूजा बन जाता है। दैनिक जनजागरण न्यूज विशेष प्रस्तुति

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Comments