बेटी के जन्मदिन पर पूर्व डीटीओ ने गोद लिए थे टीबी के 5 मरीज, नियमित फॉलोअप करते हुए मरीजों को दी पोषण पोटली
गोरखपुर जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता और पूर्व जिला क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी (डीटीओ) डॉ गणेश यादव ने चरगांवा पीएचसी पर उपचाराधीन 5 टीबी मरीजों को पोषण पोटली देकर उनका मनोबल बढ़ाया है। इन मरीजों को उन्होंने अपनी बेड़ी बेटी डॉ आकृति राज के जन्मदिन पर गोद लिया था। टीबी पेशेंट एडॉप्शन के आदर्श प्रोटोकॉल का पालन करते हुए डॉ यादव ने अपनी बड़ी बेटी के साथ बुधवार को चरगांवा पीएचसी पहुंच कर इन सभी मरीजों को लगातार 5वीं बार पोषण पोटली दी। बताया कि गोद लिये गये मरीज को पोषक सामग्री जैसे फल, मूंगफली, सोयाबीन, गुड़, चना आदि की पोटली इलाज चलने तक प्रति माह देना होता है। साथ में मरीज का मनोबल बढ़ा कर रखना है, ताकि बीच में वह दवा खाना बंद न करे और पूरी तरह से ठीक हो सके। मरीज को एडॉप्ट करने वाले को निक्षय मित्र कहा जाता है। निक्षय मित्र को टीबी मरीज की स्वेच्छा से हरसंभव सहायता करनी होती है। डॉ यादव ने बताया कि उनके कार्यकाल में ही गोरखपुर जिले में जन्मदिन, पुण्यतिथि, सेवानिवृत्ति और वैवाहिक वर्षगांठ आदि प्रमुख मौकों पर लोगों द्वारा टीबी मरीजों को गोद लेने का चलन शुरू हुआ था। यह परम्परा निरंतर आगे बढ़ सके, इसी उद्देश्य से उन्होंने भी अपनी बड़ी बिटिया के जन्मदिन पर पांच टीबी उपचाराधीन मरीजों को गोद लिया था, जो अब ठीक होने जा रहे हैं। बताया कि बतौर जिला कुष्ठ रोग अधिकारी भी उन्होंने दो टीबी मरीजों (किशोरियों) को स्वेच्छा से गोद लेकर ठीक होने में उनकी मदद की थी। वर्तमान में गोद लिए गए पांच मरीज जब ठीक हो जाएंगे तो प्रमुख अवसरों पर आगे भी नये मरीज गोद लेकर मदद करने का उनका प्रयास होगा। इस मौके पर चरगांवा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके चौधरी, एसटीएस मनीष तिवारी आदि रहे।
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