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गुरुवार, 12 जून 2025

सीएमओ ने सहजनवां सीएचसी और मॉडल सीआई वीएचएसएनडी बनगांवा का किया निरीक्षण

सीएमओ ने सहजनवां सीएचसी और मॉडल सीआई वीएचएसएनडी बनगांवा का किया निरीक्षण, जन-जन तक सुविधाएं पहुंचाने का दिया निर्देश

गोरखपुर जिले के सीएमओ डॉ राजेश झा ने बुधवार को सहजनवां सीएचसी व मॉडल छाया इंटीग्रेटेड ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) बनगांवा का निरीक्षण किया। कहा कि मॉडल सीआई वीएचएसएनडी के जरिये समुदाय तक शत-प्रतिशत सेवाएं पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इसी उद्देश्य से जिले में 200 सत्रों को मॉडल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान लाभार्थियों के भीड़ प्रबंधन का खासतौर से निर्देश दिया। कहा कि जो लाभार्थी चिकित्सा इकाई आ रहे हैं, उन्हें बैठने की व्यवस्था ठीक रहे और मौसम को देखते हुए पेयजल की उपलब्धता भी बनी रहनी चाहिए। साथ ही साथ चिकित्सा इकाई की नियमित साफ सफाई होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान सीएचसी में तीन सी सेक्शन डिलीवरी हो रही थी। सीएमओ ने लाभार्थियों व मरीजों से फीडबैक भी लिया। बनगांवा गांव में निरीक्षण के दौरान कहा कि शत प्रतिशत प्रसव पूर्व जांच, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन सेवाएं, अति कुपोषित बच्चों का प्रबंधन, ई-कवच कवरेज, आभा आईडी सृजन, टीबी मुक्त पंचायत, गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग और लाभार्थी केंद्रित परामर्श के जरिये मॉडल सीआई वीएचएसएनडी तैयार किया जाना है। इसके लिए प्रत्येक मंगलवार को ई-आरोग्य पाठशाला के माध्यम से क्षमता संवर्धन भी करवाया जा रहा है। साथ ही हमारी सहयोगी संस्थाएं डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी आदि भी इस दिशा में निरंतर मदद कर रही हैं। ऐसे में आशा कार्यकर्ता के जरिये समुदाय को प्रेरित कर अधिकाधिक लाभार्थियों को सत्र स्थल तक बुलाएं और उन्हें सम्पूर्ण सेवा प्रदान करें। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक प्रभाव वाले लोगों की भी मदद ले सकते हैं। कहा कि मॉडल सत्र बनाने में किसी भी प्रकार के जिला स्तरीय सहयोग के लिए डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय से सम्पर्क कर सकते हैं। बनगांवा में आईसीडीएस विभाग की तरफ से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने स्टॉल लगा कर पोषण संबंधी संदेश दिया और प्रसव पूर्व जांच आदि में भी सहयोग किया। सीएमओ ने 6 महीने के बच्चे को अन्नप्राशन करवाकर सुपोषण का महत्व समझाया। कहा कि समुदाय में यह संदेश बार-बार पहुंचाया जाए कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद मां का दूध, छह महीने तक सिर्फ मां का दूध और छह माह से दो वर्ष की आयु तक मां के दूध के साथ पूरक आहार बच्चों के स्वस्थ जीवन में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने सत्र स्थल पर उपलब्ध दवाओं और सुविधाओं के बारे में उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों व सहयोगियों से संवाद भी किया।

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