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मंगलवार, 3 जून 2025

हम बीजेपी के छोटे भाई लेकिन' घोसी सीट पर अब आया संजय निषाद का बड़ा बयान

प्रयागराज उत्तर प्रदेश की राजनीति में निषाद पार्टी के रुख में बदलाव देखने को मिला है. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने आगामी पंचायत चुनाव और मऊ विधानसभा उपचुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कर दिया कि निषाद पार्टी पंचायत चुनाव को मजबूती से लड़ेगी, लेकिन पार्टी से जीतने वाले बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य बीजेपी के ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों को ही वोट देंगे.डॉ. संजय निषाद ने कहा कि निषाद समाज की निर्णायक भूमिका यूपी की 233 विधानसभा सीटों पर है। उन्होंने दावा किया कि इन सीटों पर निषादों की संख्या इतनी है कि सरकार बनाने और गिराने में उनकी सीधी भागीदारी हो सकती है. उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए “डिजिटल सेना” बनाने का एलान भी किया.उन्होंने कहा कि अब वक्त डिजिटल युग का है. जैसे बसपा ने “भीम सेना” बनाई और सपा ने “मुलायम यूथ ब्रिगेड”, वैसे ही निषाद पार्टी भी अब डिजिटल सेना बनाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी और पीएम मोदी ने यह साबित किया है कि तकनीक के जरिए पारदर्शिता लाई जा सकती है और योजनाओं का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा सकता है. डॉ. निषाद ने कहा कि जब निषाद पार्टी की डिजिटल सेना तैयार होगी, तब सरकारी योजनाओं के लिए किसी बिचौलिए की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. जनता को योजनाओं की जानकारी और उनका लाभ सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मिलेगा.मऊ उपचुनाव पर भी डॉ. निषाद ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि बीजेपी एनडीए का नेतृत्व करने वाली पार्टी है और हम छोटे भाई के तौर पर साथ खड़े हैं. सीट को लेकर फैसला बीजेपी को करना है, लेकिन जीत हमारी प्राथमिकता है, हमें भरोसा है कि बीजेपी हमें सीट भी देगी और समाज की समस्याओं का समाधान भी करेगी.ओमप्रकाश राजभर के मऊ सीट पर दावे को लेकर डॉ. संजय निषाद ने कहा कि उन्हें जिद नहीं करनी चाहिए. पहले भी मंझवा और कटेहरी सीट पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, उस जीत में निषाद पार्टी की भी अहम भूमिका रही. उन्होंने कहा कि राजभर समाज की समस्या भी आरक्षण है और उसका समाधान सिर्फ बीजेपी ही कर सकती है. गौरतलब है कि मऊ सीट सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई है, जिस पर उपचुनाव होना है. एनडीए में शामिल दलों की निगाहें इस सीट पर टिकी हैं, लेकिन निषाद पार्टी ने साफ कर दिया है कि सीट से ज्यादा गठबंधन और जीत उसके लिए अहम है.

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