बरेली तांत्रिक कांड का एक ऐसा मामला जिले के मीरगंज थाने में सामने आया है, जिसने न केवल रिश्तों को शर्मसार किया, बल्कि आस्था और कानून दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया। संतान न होने पर पति ने पत्नी को तांत्रिक के पास ले जाकर ऐसा जाल बुना, जिसमें महिला की अस्मिता, मर्जी और मानवता सभी रौंद दी गईं। पीड़िता की तहरीर पर छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है और तांत्रिक कांड की जांच शुरू हो गई है।
पीलीभीत की रहने वाली 22 वर्षीय विवाहिता ने बताया कि उसकी शादी जून 2023 में मीरगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक से हुई थी। शुरुआती कुछ महीने सामान्य रहे, लेकिन जैसे ही कुछ माह तक उसे गर्भ नहीं ठहरा, वैसे ही उसका पति उस पर शक करने लगा। आए दिन गाली-गलौज, मारपीट और मानसिक प्रताड़ना बढ़ती गई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसका पति न सिर्फ उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाता था, बल्कि जबरदस्ती भी करता था। वह आए दिन ताना देता था कि उससे बच्चा नहीं हो सकता। इसी बीच वह उसे गांव असद नगर के एक तांत्रिक गिरधारी के पास लेकर गया और कहा कि वह संतान सुख दिला सकता है।12 अप्रैल 2025 को जब वह तांत्रिक के पास पहुंची, तो तांत्रिक कांड की नींव वहीं रखी गई। तांत्रिक ने यह तर्क दिया कि अगर महिला किसी अन्य पुरुष से संबंध बनाएगी, तभी गर्भधारण हो सकेगा। उस वक्त वहां पहले से ही पति के दो परिचित मौजूद थे। तांत्रिक ने उसे एक नशीला पेय पिलाया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। होश आने पर उसे पता चला कि उसके साथ दो लोगों ने बलात्कार किया।घटना की सूचना जब महिला ने अपनी सास और ननद को दी, तो उन्होंने न केवल उसका समर्थन करने से इनकार किया, बल्कि उसे गालियां दीं और मारपीट कर घर से निकाल दिया। पीड़िता ने मायके पहुंचकर परिवार को आपबीती बताई और फिर मीरगंज थाने में शिकायत दर्ज करवाई।पुलिस ने तांत्रिक कांड को गंभीरता से लिया और आईपीसी की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। पीड़िता की तहरीर के आधार पर पति, तांत्रिक, बलात्कार करने वाले दो युवक, सास और ननद के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, मेडिकल परीक्षण कराया गया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई गई हैं।बरेली के इस तांत्रिक कांड ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला केवल एक महिला के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम और सामाजिक सोच पर सवाल उठाता है, जहां संतान न होने पर महिला को दोषी ठहराया जाता है और फिर उसे ऐसे अंधविश्वासियों के हवाले कर दिया जाता है। पीड़िता ने बताया कि उसका पति पहले से ही तांत्रिक और उसके साथियों के संपर्क में था और यह सब पहले से साजिश के तहत तय किया गया था। तांत्रिक गिरधारी पर पहले भी ऐसे आरोप लगे हैं, लेकिन पुलिस में शिकायत दर्ज न होने के कारण वह बचता रहा। अब जब मामला खुलकर सामने आया है, तो पुलिस को भी दबाव में आकर कार्यवाही करनी पड़ी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला का बयान दर्ज कर लिया गया है और सभी आरोपों की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया मामला बेहद गंभीर प्रतीत हो रहा है और तांत्रिक कांड की तह तक जाकर सच्चाई सामने लाने की कोशिश की जा रही है। घटना को लेकर महिला आयोग, महिला संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए हैं। कई संगठनों ने मांग की है कि तांत्रिक कांड जैसे मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और आरोपी सजा से न बचें।
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