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शुक्रवार, 13 जून 2025

मखदुमपुर में क्लीनिक के नाम पर अंदर चल रहे अवैध अस्पताल में महिला का हुआ फर्जी ऑपरेशन

मखदुमपुर में क्लीनिक के नाम पर अंदर चल रहे अवैध अस्पताल में महिला का हुआ फर्जी ऑपरेशन, योगी तक हुई शिकायत
गाज़ीपुर भीमापार क्षेत्र के मखदुमपुर स्थित क्लीनिक के नाम पर अंदर चल रहे अवैध अस्पताल में महिला का न सिर्फ फर्जी ऑपरेशन कर उसका स्वास्थ्य खराब कर दिया गया, बल्कि उसे डरा व धमकाकर 80 हजार रूपए भी ले लिए गए। जिसके बाद पीड़िता ने अब मुख्यमंत्री सहित सभी जिम्मेदारों का दरवाजा खटखटाया है। मामला मखदुमपुर में तनज क्लीनिक के नाम से संचालित होने वाले केंद्र का है। जहां पर अवैध रूप से ऑपरेशन कर दिया गया। इस बाबत जौनपुर के कुसरना निवासिनी ममता देवी पत्नी सूर्यप्रकाश ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी सहित जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जनसुनवाई पोर्टल पर भी पत्रक दिया है। गुरूवार की दोपहर 12 बजे पीड़िता ने बताया कि उसका मायका सादात के इकरा गौरा में है। बताया कि वो अपने मायके में आई थी और यहां बीमार पड़ गई। जिसके बाद उसे मखदुमपुर स्थित तनज क्लीनिक में लाया गया। वहां क्लीनिक संचालित करने वाले फर्जी डॉ. शाहनवाज पुत्र बद्रे आलम ने अवैध रूप से बिना मेरे खून, शुगर व अल्ट्रासाउंड जांच के मेरा ऑपरेशन करने को कह दिया। जब मैंने किसी बेहद व पंजीकृत अस्पताल में इलाज कराने की बात की तो उक्त फर्जी चिकित्सक शाहनवाज ने बहला फुसलाकर क्लीनिक के नाम पर अंदर अवैध रूप से चलाए जा रहे अपने अवैध अस्पताल में ही मेरी बच्चेदानी व गांठ का असफल ऑपरेशन कर दिया और इसके एवज में मुझे डरा धमकाकर मुझसे 80 हजार रूपए भी वसूल लिए। बताया कि इसके लिए न तो मुझे कोई रसीद दी और न ही कोई मेडिकल रिपोर्ट दिया। बताया कि जब कुछ ही दिनों में पुनः मेरी हालत बिगड़ गई तो मैंने दूसरी जगह अपना अल्ट्रासाउंड कराया तो वहां चौंकाने वाला मामला सामने आया। रिपोर्ट में देखा कि मेरे शरीर में गांठ व घाव अब भी अपनी जगह पर ही मौजूद हैं। यानी ऑपरेशन भी फर्जी ही किया गया था। जिसके चलते अब तक ममता को अपना इलाज कराना पड़ रहा है और उसका स्वास्थ्य भी बेहद खराब हो गया है। बताया कि इसके लिए जब मैं उक्त फर्जी चिकित्सक शाहनवाज के यहां पहुंची तो मुझे गालियां देते हुए उसने कहा कि तुम्हें तो करना हो कर लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जिसके बाद पीड़िता ने मुख्यमंत्री से लगायत डीएम, एसपी आदि से शिकायत कर आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की गुहार लगाई है। उसने कहा कि आज ये मेरे साथ हुआ है, अगर कार्रवाई नहीं हुई तो कल दूसरों के साथ भी होगा। पीड़िता ने मुख्यमंत्री से ये भी गुहार लगाई है कि वो आर्थिक तंगी से जूझ रही है। ऐेसे में आरोपी के खिलाफ कार्यवाही के साथ ही मेरे द्वारा दी गई धनराशि को भी वापस कराया जाए। वहीं महिला द्वारा इस तरह के लगाए गए आरोप के बाद ये सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर क्लीनिक के नाम पर अंदर अस्पताल व ऑपरेशन थियेटर किसकी शह पर चलाया जा रहा है। साथ ही उसमें पैथोलॉजी किसकी शह पर चल रहा है। बीते दिनों फर्जी अस्पताल संचालकों से स्वास्थ्य महकमे के मिलीभगत के आरोपों के बाद अब महिला की मुख्यमंत्री से की गई इस शिकायत ने एक बार फिर से महकमे को कटघरे में खड़ा किया है कि बिना स्वास्थ्य विभाग की नजर में आए मुख्य मार्ग पर ही इस तरह के अस्पताल आखिर कैसे संचालित हो सकते हैं?

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