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सोमवार, 9 जून 2025

500 किलो विस्फोटक, सीएम योगी का दौरा रद्द और मौन तंत्र – क्या सच में सुरक्षित है उत्तर प्रदेश?

संरक्षक, दैनिक जनजागरण, अनूप सिंह की कलम से

बहराइच से आई एक सनसनीखेज खबर ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
10 मई 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को चित्तौरा (बहराइच) में महाराजा सुहेलदेव स्मारक के लोकार्पण हेतु जाना था। लेकिन उनके दौरे से महज़ 36 घंटे पहले जो खुलासा हुआ, वह किसी बड़े हादसे की साज़िश से कम नहीं था।
हरदी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों से पुलिस ने करीब 500 किलो अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक बरामद किया है। ग्रामीणों ने संदेह जताया कि "सर्वे" के नाम पर खेतों में बोरिंग कर बारूद बिछाया जा रहा था।
सूचना मिलते ही महसी विधायक सुरेश्वर सिंह हरकत में आए और तत्काल सुरक्षा एजेंसियों को सूचित किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का दौरा तत्काल रद्द कर दिया गया।

20 किलोमीटर में फैली बारूद की साजिश
सूत्रों के अनुसार यह विस्फोटक 20 किलोमीटर के इलाके में फैले हुए कई गांवों – सिकंदरपुर, सधुआपुर, औराही, लखनापुर और बालासराय – में छिपाया गया था।
अब तक 70 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया जा चुका है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस साजिश में बांग्लादेशी घुसपैठिए, बंगाली आपराधिक गिरोह और रोहिंग्या नेटवर्क की संलिप्तता की भी आशंका है।

क्या था उद्देश्य?
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक का एक ही मकसद हो सकता है —
एक साथ बड़े स्तर पर विस्फोट कर प्रदेश में दहशत और राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना।
इसमें प्रदेश के सबसे लोकप्रिय और कड़े निर्णय लेने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भी टारगेट किया जा सकता था।

तंत्र का मौन – चिंताजनक संकेत
इतनी बड़ी साजिश उजागर होने के बावजूद
राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा पसरा है।
केंद्र और राज्य सरकार की सुरक्षा एजेंसियों की सराहना तो हो रही है,
लेकिन यह भी सवाल उठ रहा है कि
क्या इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक की तस्करी बिना किसी स्थानीय नेटवर्क के संभव थी?
और क्या प्रदेश की सुरक्षा प्रणाली इतने बड़े षड्यंत्र को पहले से नहीं भांप सकी?

जनमानस की मांग – अब ठोस कार्यवाही जरूरी है
सीमावर्ती इलाकों में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाया जाए।
प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में बायोमैट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया जाए।
NIA, ATS और मिलिट्री इंटेलिजेंस के समन्वय से गुप्त निगरानी और ऑपरेशन चलाए जाएं।
ऐसी साजिशों को राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में लाकर दोषियों को त्वरित और कठोर दंड दिया जाए।

यह सिर्फ एक व्यक्ति की सुरक्षा नहीं, पूरे राष्ट्र की चेतावनी है
यह घटना सिर्फ योगी जी की सुरक्षा तक सीमित नहीं,
बल्कि यह पूरे उत्तर प्रदेश और देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है।
अब आवश्यक है कि प्रशासन, मीडिया और आम जनता – तीनों जागरूक और सतर्क रहें।
क्योंकि बारूद चुपचाप नहीं आता –
वह देश की चुप्पी से ही ताकत पाता है।

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