दैनिक जनजागरण न्यूज, लखीमपुर। शारदा की पावन लहरों से आलोकित, हरियाली की गोद में बसा, खीरी जनपद का एक अद्भुत तीर्थ बाबा पटेहरा धाम। जहाँ न केवल शिव की आराधना होती है, बल्कि आत्मा को शांति और तन को औषधीय जल का वरदान भी प्राप्त होता है। जनश्रुति है कि इस पवित्र धाम का इतिहास महाभारत काल तक विस्तृत है, और यहाँ स्थित शिवलिंग स्वयंभू हैं स्वतः प्रकट हुए, साक्षात आशुतोष के प्रतिरूप।
लगभग तीन शताब्दियों से अधिक पुराना यह मंदिर आज भी वैसी ही दिव्यता के साथ श्रद्धालुओं को आमंत्रित करता है, जैसे सदीयों पूर्व ऋषि-मुनियों को पुकारता रहा होगा। यहाँ के समीप स्थित सरोवर का जल, शिव कृपा से चमत्कारी माना जाता है। असाध्य चर्म रोग इस जल से नहाकर ठीक हो जाते हैं, यह विश्वास नहीं, अपितु अनुभूत सत्य है। अब इस अलौकिक स्थल तक की यात्रा और सहज हो गई है। भारत विकास परिषद, संस्कृति शाखा लखीमपुर खीरी ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बस्ती–पीलीभीत राजमार्ग पर स्थित रबहीं पुल के निकट, एक सुंदर व धार्मिक आभा से युक्त दिशा-सूचक बोर्ड की स्थापना की है। यह केवल एक संकेत मात्र नहीं, अपितु श्रद्धा की मशाल है, जो पथिकों को शिवधाम की ओर मार्गदर्शन प्रदान करेगी। संस्कृति शाखा के संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट आर्येंद्र पाल सिंह ने बताया कि हमारा उद्देश्य केवल एक बोर्ड लगाना नहीं, बल्कि एक भूले बिसरे ऐतिहासिक धरोहर को पुनः जन-जन से जोड़ना है। बाबा पटेहरा धाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि श्रद्धा, संस्कृति और सनातन परंपरा का सजीव उदाहरण है। ऐसे समय में जब लोग भौतिक सुखों की दौड़ में आत्मिक शांति खोते जा रहे हैं, बाबा पटेहरा धाम जैसे तीर्थ उन्हें फिर से अपनी जड़ों की ओर लौटने का आमंत्रण देते हैं। यह संकेतक बोर्ड उसी पुकार को दिशा देने का एक यत्न है। एडवोकेट सिंह ने अपील करते हुए कहा आइए! इस यात्रा में हम भी सहभागी बनें। एक बार बाबा के दर पर शीश नवाइए, मन की व्याकुलता विलीन होगी, और भीतर से एक नई ऊर्जा का संचार होगा। बाबा पटेहरा धाम आपका इंतज़ार कर रहा है।
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