25 अप्रैल को लखीमपुर में आयोजित होगी लोक नृत्य कार्यशाला
लखीमपुर, मिश्राना मोहल्ला। जहाँ कदम थिरकते हैं, वहाँ दिल बोल उठते हैं। लोक नृत्य न केवल हमारी संस्कृति की आत्मा है, बल्कि हमारे माटी से जुड़े भावों की मधुर अभिव्यक्ति भी है। इसी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और संजोने के उद्देश्य से संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के मार्गदर्शन में तथा सुर भारती संगीत कला केंद्र, कोलकाता से संबद्ध ताल वाद्य अकादमी के सौजन्य से एक निःशुल्क लोक नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यशाला आगामी 25 अप्रैल को सायं 5 बजे से मिश्राना मोहल्ला, लखीमपुर में आयोजित होगी, जहाँ लोकनृत्य की पारंपरिक धुनों पर थिरकते कदमों के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक जड़ों को फिर से अनुभव किया जा सकेगा।
एक अनौपचारिक बातचीत में इस आयोजन की जानकारी देते हुए ताल वाद्य अकादमी की सुप्रसिद्ध तबला वादक डॉ. रुचि रानी गुप्ता ने बताया कि यह कार्यशाला नवोदित कलाकारों के लिए एक सजीव मंच बनेगी। "आज जब हमारी युवा पीढ़ी पश्चिमी प्रभावों से घिरी है, तब ऐसी पहलें उन्हें अपनी माटी, अपनी बोली और अपनी थिरकन से जोड़ने का कार्य करेंगी," उन्होंने भावुकता से कहा। यह कार्यशाला न केवल नृत्य की शिक्षा का माध्यम बनेगी, बल्कि लोक संस्कृति के रंगों को आत्मा से अनुभव करने का एक अनुपम अवसर भी प्रदान करेगी। डॉ0 रुचि रानी ने आगे कहा तो आइए, संस्कृति के इस उत्सव में सहभागी बनें, अपने भीतर की लोक चेतना को जगाएं, और थिरक उठें उस धुन पर जो हमारी पहचान है।
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