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शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025

नवांकुरों में राष्ट्र निर्माण की चेतना के साथ शिशु भारती परीक्षा संपन्न

🔘 नवांकुरों में राष्ट्र निर्माण की चेतना के साथ शिशु भारती परीक्षा संपन्न

🔘 सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में खिले शिशु नेतृत्व के पुष्प

जनजागरण डेस्क, लखीमपुर, 18 अप्रैल 2025।  विद्या भारती के पावन ध्येय वाक्य "सुसंस्कारिता ही सच्ची शिक्षा है" को आत्मसात करते हुए, सनातन धर्म सरस्वती शिशु मंदिर, मिश्राना, लखीमपुर के प्रांगण में आज दिन शुक्रवार को सत्र 2025-26 हेतु शिशु भारती चयन परीक्षा का सफल आयोजन संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदा की वंदना से हुआ, जिसके उपरांत विद्यालय के प्रधानाचार्य मुनेंद्र दत्त शुक्ल ने शिशु भारती संगठन की परिकल्पना, उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह संगठन बालकों में नेतृत्व, अनुशासन, सेवा, समर्पण एवं दायित्व-बोध के सद्गुणों को विकसित करने हेतु स्थापित किया गया है। यह संस्था छात्रों को न केवल विद्यालयीय व्यवस्थाओं से परिचित कराती है, अपितु उन्हें आत्मनिर्भर एवं संस्कारित नागरिक बनाने की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विद्यालय के शिशु भारती प्रमुख आचार्य उत्तम कुमार मिश्र ने कक्षा चतुर्थ एवं पंचम के विद्यार्थियों को प्रेरित कर उनसे प्रार्थना-पत्र आमंत्रित किए। इस पहल का उत्साहपूर्वक प्रत्युत्तर देते हुए कुल 94 शिशुओं ने चयन परीक्षा में सहभागिता की। परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की ज़िम्मेदारी परीक्षा प्रभारी ज्ञानेंद्र कुमार बाजपेई ने कुशलतापूर्वक निभाई। उन्होंने बताया कि परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का साक्षात्कार लिया जाएगा, जिसके पश्चात उनकी अभिरुचि, योग्यता एवं क्षमता के अनुसार शिशु भारती संगठन के विभिन्न पदों व विभागों में उन्हें दायित्व सौंपा जाएगा। यह आयोजन न केवल एक परीक्षा था, अपितु विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास की दिशा में उठाया गया एक सशक्त कदम भी सिद्ध हुआ।

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