प्रयागराज कायस्थ पाठशाला (केपी) ट्रस्ट के निर्वतमान अध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। एक दिन उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। उनको असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से पद से हटाया गया है। एसडीएम कोर्ट के आदेश पर पुनर्मतगणना में उन्हें पराजित घोषित किया गया है जबकि पहले ही कमिश्नर और हाईकोर्ट में पुनर्मतगणना के विरुद्ध मुकदमा विचाराधीन है। कहा कि जितने मत अवैध घोषित करने के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था, मतगणना उससे ज्यादा मतों की कराई गई है। मनमानी तरीके से मतो को अवैध किया गया है।
डॉ सुशील सिन्हा ने इलाहाबाद रिपोर्ट्स क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केपी ट्रस्ट के चुनाव में उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से जीत दर्ज की थी। रिटर्निंग आफिसर की देखरेख में पूरी प्रक्रिया संपन्न हुई थी और उन्होंने जीत दर्ज कर कार्यभार ग्रहण किया था। बाद में चौधरी परिवार ने चुनाव पर सवाल खड़े कर दिए और अवैध मतों को वैध बताते हुए फिर से मतगणना कराने के लिए मुकदमा दायर किया था। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले ही एसडीएम कोर्ट के आदेश पर फिर से मतगणना कराकर मनमानी तरीके से मतों की गिनती कराकर चौधरी राघवेंद्र सिंह ने खुद को अध्यक्ष घोषित कर दिया, जो कि नियम के विरुद्ध है।
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