प्रयागराज: महाकुंभ में बसंत पंचमी का शाही स्नान सोमवार भोर 4.30 बजे से शुरू हो गया. 13 जनवरी के बाद 14 और फिर 29 जनवरी को अखाड़ों ने अमृत स्नान किया था. मौनी अमावस्या से इतर इस बार अमृत स्नान भव्यता और दिव्यता के साथ पूरा किया जा रहा है. शाही स्नान के लिए सभी अखाड़े एक-एक कर संगम तट पर पहुंचे. इस दौरान हर-हर गंगे और हर-हर महादेव का उद्घोष होता रहा.29 जनवरी को संगम तट पर हुई भगदड़ की घटना के बाद अखाड़े ने अमृत स्नान को सादगी से करने का निर्णय लिया था और 13 अखाड़ों ने अलग-अलग तरीके से सादगी के साथ स्नान पूरा किया था, लेकिन सोमवार को बसंत पंचमी पर पुरानी भव्यता और दिव्यता दिखाई दी.सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े ने अपना अमृत स्नान पूरा किया. उसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा स्नान के लिए पहुंचे. बाद में जूना अखाड़ा और उससे संबंधित अखाड़े भी स्नान के लिए पहुंच गए. धीरे-धीरे स्नान का क्रम जारी है और नागा संन्यासियों के साथ साधु संतों की मौजूदगी इस आयोजन को और भी खास बना रही है. आगे-आगे चल रहे नागा संन्यासी अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए चल रहे हैं. बैंड बाजा के साथ रथ पर सवार होकर साधु सन्यासी महामंडलेश्वर संत श्री संत और आचार्य महामंडलेश्वर अमृत स्नान के लिए पहुंचे हुए हैं. सभी 13 अखाड़ों ने शाही अंदाज में तीसरा अमृत स्नान किया. राजसी सवारी के साथ साधु-संतों ने ब्रह्म मुहूर्त में भव्य शोभायात्रा निकाली. इस मौके पर प्रमुख अखाड़ों के महामंडलेश्वर ने देश और विश्व के कल्याण की कामना की. जूना अखाड़े के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि सनातन संस्कृति सभी को अपना परिवार मानती है, पूरे विश्व को अपना परिवार मानती है, सभी एक हैं. हमारी यह डुबकी सनातन के उसे सत्य को बताने के लिए है कि हम सभी अलग-अलग संप्रदायों में बटे हुए हैं, लेकिन मनुष्य एक हैं. हम सभी भारतीय एक हैं, सामाजिक समस्या का पर्व है. यह बसंत पंचमी पर लोक कल्याण के लिए मैं डुबकी लगाना जा रहा हूं भारत का मंगल हो भारत का कल्याण हो.
निरंजनी अखाड़ा प्रमुख और आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े और सम्बद्ध अखाड़े ने देवी देवताओं को स्नान करवाया है. हम सभी आराध्य देवों को स्नान करवा चुके हैं. हमारे सभी संत, महामंडलेश्वर, महंत और श्रीमहंत ने स्नान कर लिया है. हमने देवी देवताओं का पूजन किया और विश्व कल्याण की मंगल में कामना के साथ हमने स्नान किया है और भगवान कार्तिकेय का पूजन किया है. उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही बात है कि विरोधियों को और कट्टरपंथी लोग हैं, जो सनातन धर्म को नहीं मानते हैं, जो कटाक्ष करते हैं सनातन धर्म पर, आज उनके लिए बहुत बड़ा आघात का दिन है, क्योंकि जिस तरह से सभी 13 अखाड़े स्नान कर रहे हैं, उसे यह संकेत जा रहा है कि भारत का सनातनी एक है, दुनिया भर के सनातनी एक है.किन्नर अखाड़ा प्रमुख बोलीं, ममता कुलकर्णी हमारी महामंडलेश्वर हैं और रहेंगी: शाही स्नान के लिए शाही सवारी के साथ पहुंची किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि जूना अखाड़े के साथ भव्य़ शाही स्नान किया है. विवाद की कोई भी स्थिति नहीं है. साथ ही ममता कुलकर्णी के शाही स्नान में न शामिल होने पर उन्होंने कहा कि उनकी तबीयत खराब है. वह अखाड़े में आराम कर रहीं हैं. इस वजह से वह शाही स्नान में शामिल नहीं हो सकीं हैं.अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी का कहना है कि आज का दिन भगवती और मां सरस्वती का दिन है. जो पहले हुआ उसका हमे दुख है. मेला प्रशासन को आशीर्वाद है कि सब कुछ अच्छे से संपन्न हो. साधु-संतों ने अच्छे से शाही स्नान किया है.जूना अखाड़ा प्रमुख अवधेशानंद गिरि ने कहा कि हम सब विश्व के कल्याण के लिए डुबकी लगाने जा रहे हैं. हम सब अलग-अलग संप्रदाय से हैं, लेकिन एक होकर डुबकी लगा रहे हैं.
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