गंगा के किनारे जो मरा उसे मोक्ष मिला", बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- हिन्दुत्व की छवि खराब करने की साजिश
महाकुंभ में हुई भगदड़ और उसमें जान गवांने वाले श्रद्धालुओं को लेकर बागेश्वर धाम सरकार, धीरेंद्र शास्त्री का बयान सुर्खियों में है। धीरेंद्र शास्त्री ने घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि जिन्होंने जान गवांई उनके प्रति संवेदनाएं हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए था। शास्त्री ने आगे कहा कि रोज हजारों लोग मरते हैं, सबको एक दिन मरना ही है। हम सब को एक दिन जाना है। ऐसे में अगर कोई गंगा किनारे जान गंवाता है तो उसको मोक्ष मिलता है। हालांकि जिनके परिवार के साथ भी हुआ वो बुरा हुआ। एजेंसी से बात करते हुए शास्त्री ने कहा कि हिंदुत्व को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। घटना की निंदा करता हूं, लेकिन कुछ लोग छिट-पुट घटनाओं को उठाकर हिंदुत्व की छवि को खराब करने की साजिश रच रहे हैं।यह घटना निस्संदेह बहुत ही दुखद है, और इसमें जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के प्रति संवेदना स्वाभाविक है। धीरेंद्र शास्त्री के बयान, "हर किसी को एक दिन जाना ही है" और "गंगा किनारे जान गंवाने से मोक्ष मिलता है," को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
कांग्रेस नेत्री सुप्रिय श्रीनेत ने पोस्ट कर लिखा, "कुचलकर, दम घुट जाने से मर गए इस देश के आम लोगों को इनके अनुसार ‘मोक्ष’ मिला है - हद है। कुप्रबंधन के चलते असामयिक मौतों में किसी की मां, पिता, बेटा, बेटी, भाई, बहन, पति, पत्नी चले गए। इतनी असंवेदनशीलता, इतनी निर्दयता? यह ना हमारा धर्म है, ना संस्कार।"
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