महाकुम्भ नगर भारतीय संस्कृति के उच्चतम प्रतिमान महाकुम्भ 2025 के अंतर्गत आज परम पूज्य जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित पूज्यपाद श्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज जी के पावन सानिध्य में आहूत सेक्टर 18 स्थित "प्रभु प्रेमी संघ शिविर" में आज दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी श्री शारदापीठम् श्रीमद् जगद्गुरु शंकराचार्य
श्री श्री विधुशेखर भारती सन्निधानम् जी का शुभागमन हुआ।पूज्य श्रृंगेरी शंकराचार्य जी ने शिविर में स्थापित आद्य शंकराचार्य जी की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर श्रीमन्दिरम में देव दर्शन किये। उपरांत श्री दत्त सदन में दत्त पादुकाओं का पूजन किया।शिविर में आगमन पर पूज्य श्रृंगेरी शंकराचार्य जी का पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज ने स्वागत अभिनदंन किया स्वामी अवधेशानन्द जी ने कहा कि उत्सवधर्मी भारतीय संस्कृति और उसके गौरवशाली आध्यात्मिक वैभव की जीवन्त अभिव्यक्ति महाकुम्भ पर्व के दिव्य अवसर पर पूज्य शंकराचार्य जी का आगमन शुभ संकेत है। यह पर्व संस्कृतियों के मिलन, सामाजिक-समरसता, सांस्कृतिक एकता और दिव्यता का अनुपम संदेश है। भिन्न-भिन्न जातियों मतों और सम्प्रदायों को मानने वाले हम भारतीय गंगा के तट पर एक हैं।पूज्य श्रृंगेरी शंकराचार्य जी ने सभी शिविरार्थियों के मंगल की कामना प्रेषित कर सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।इस अवसर पर हिन्दू धर्म आचार्य सभा के संयोजक परमात्मानंद सरस्वती जी, प्रभु प्रेमी संघ की अध्यक्षा महामण्डलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरि, योग वशिष्ठ की विद्वान शैला माताजी, न्यासीगण विवेक ठाकुर, स्वामी कैलाशानंद, महेंद्र लाहौरिया, किशोर काया, प्रवीण चौधरी, विनोद बुट्टन, रोहित माथुर, सांवरमल तुलस्यान, सुरेंद्र सर्राफ, मालिनी दोषी सहित प्रभु प्रेमी गण उपस्थित रहे।
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