● भूमण्डल देश और विदेश के कायस्थ परिवार को बनाया जायेगा एशिया के सबसे बडे Cheritable Educational Trust अर्थातकायस्थ पाठशाला ट्रस्ट का सम्मानित न्यासधारी सदस्य.....
दैनिक जनजागरण न्यूज। महानदानी, युगपुरूष, कायस्थ कुल सम्राट सस्थापक मुशी काली प्रसाद और कुलभूषण, भाग्यविधाता मुशी मुरलीधर साहब ने कायस्थ पाठशाला की स्थापना 3 दिसम्बर सन 1872 मे की थी जिसका उद्देश्य पूरे भूमण्डल के गरीब, अमीर, असहाय, विधवा कायस्थ परिवार के घरो मे शिक्षा की मशाल से उजाला पहुचाना और कायस्थ परिवार के शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार की विकास योजनाओ को क्रियावित करना था और भूमण्डल के सभी कायस्थ चित्रगुप्त वशजो को एक परिवार की तरह जोडना और समृद्ध और वृहद विकास करना था | परन्तू दुर्भाग्य से विगत पाच दशको से कायस्थ पाठशाला अपने दानवीरो, महार्षियो के बताये मार्ग से भटक गया और इसकी सदस्यता वोट बैक की राजनिति का शिकार हो गई और कायस्थ पाठशाला सिमटता चला गया और इसकी सदस्यता मात्र पाकेट के लोगो का खेल बनकर रह गयी,कायस्थ पाठशाला वशवाद, परिवारवाद और सामन्तवादी शक्तियो की राजनिति का शिकार होकर एक शिक्षा का मन्दिर न होकर व्यापार और दलाली का अड्डा बन गया इसका सदस्यता फार्म तक पाना कठिन और दूरूह हो गया कायस्थ पाठशाला गरीब, असहाय, विधवा परिवार की पहुच से कही दूर चला गया और परिवारवाद, सामन्तवाद और वशवाद की बेडियो मे जकड गया और चन्द लोगो और परिवार तक ही सीमित रह गया।
परन्तु महानसमाजसेवी, ईमानदार,विकास पुरूष , चिकित्सक डा सुशील सिन्हा को जनता ने जीताकर और अपार समर्थन और प्यार दिया जिससे अभिभूत होकर वर्तमान अध्यक्ष ने महानदानियो और महाषर्षियो के सपने को सच करते हुये एक बार फिर शिक्षा के मन्दिर महादानियो के ट्रस्ट का दरवाजा देश विदेश मे बसे गरीब अमीर असहाय विधवा कायस्थ परिवार के लिये हमेशा के लिये खोल दिया।
प्रयागराज के बाद , राजधानी लखनऊ मे भी 8 दिसम्बर को राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का आगाज किया गया है जहा बडी बडी महान कायस्थ हस्तिया इस महा सम्मेलन मे उपस्थित होकर कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट को बुलन्दियो पर ले जाने वाले एक नये अध्याय का शुभारम्भ करेगी और हजारो कायस्थ परिवार को कायस्थ परिवार से जोडने का मुहिम चलायेगी |
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