● अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ के वार्षिक कार्यक्रम के अन्तर्गत महर्षि पतंजलि योग रत्न सम्मान से सम्मानित होंगे युवा योगाचार्य प्रिंस रंजन बरनवाल
● राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष नवम्बर माह में आयोजित होता है यह प्रतिष्ठित सम्मान समारोह, समारोह में देश भर में योग के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वाले योग शिक्षक होंगे सम्मानित
● देश की राजधानी में स्थित कांस्टीट्यूशनल क्लब ऑफ इण्डिया के डिप्टी स्पीकर हाल में 24 नवम्बर को आयोजित होगा कार्यक्रम, सर्वोच्च न्यायालय भारत सरकार के रिटायर्ड जज श्री कृष्ण मुरारी, प्रधान योगाचार्य अमित देव, आचार्य पवन दत्त मिश्रा, मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ योग के प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी आई० एन० आचार्य सहित वरिष्ठ भाजपा राजनेता नितिन पाठक होंगे अतिथि
20 नवंबर 2024 । लखीमपुर
भारत की प्रसिद्धि प्राप्त योग संस्थाओं में एक अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ के तत्वावधान में प्रतिवर्ष योग के प्रचार-प्रसार एवं योग शिक्षक-जनों के लिए कार्य करने वाले योगाचार्यों के सम्मान में आयोजित होने वाले महर्षि पतंजलि योग रत्न सम्मान समारोह का आयोजन देश की राजधानी में आगामी 24 नवम्बर 2024 को होना सुनिश्चित है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मंगेश त्रिवेदी नेतृत्व आयोजन समिति ने "महर्षि पतंजलि योग रत्न सम्मान समारोह" के भव्य आयोजन हेतु तैयारियां कर ली है। इस राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त करने के लिए देश भर से योगाचार्यों एवं योग शिक्षकों ने नॉमिनेशन के लिए आवेदन किया है।
गौरतलब है कि यह सम्मान योग के क्षेत्र में योगाचार्यों द्वारा किए गए प्रयासों, लेखन, योग शिक्षकों के हित में किए गए कार्यों, योग के प्रचार-प्रसार, सार्वजनिक स्थलों, विद्यालयों में योग सत्रों के आयोजनों हेतु नि:स्वार्थ भाव से लगे योगाचार्यों (योग वीर / वीरांगनाओं) को प्रदान किया जाता है।
इस सम्मान समारोह के तृतीय संस्करण में देश की राजधानी नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हाल में 24 नवम्बर 2024 को आयोजित होने जा रहे सम्मान समारोह में लखीमपुर के युवा योगाचार्य एवं हाइम योग के संस्थापक प्रिंस रंजन बरनवाल को सर्वोच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज जस्टिस कृष्ण मुरारी, प्रधान योगाचार्य अमित देव, आचार्य पवन दत्त मिश्र, मुरारजी देसाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ योग के प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी योग थैरेपी आई० एन० आचार्य जी सहित वरिष्ठ भाजपा राजनेता नितिन पाठक जी की उपस्थिति में "महर्षि पतंजलि योग रत्न सम्मान" से अलंकृत किया जाएगा।
बताते चलें कि प्रिंस रंजन बरनवाल ने अपने योग करियर की शुरुआत 2017 में योगाकरो डॉट कॉम में बतौर सहायक योग प्रशिक्षक के रुप में की थी। इसके बाद 2018 में लखीमपुर वापस आकर हाइम योग के बैनर तले जिले में अपनी योग गतिविधियों के माध्यम से योग के प्रचार-प्रसार को गति प्रदान की। 2019-20 में प्रिंस रंजन के नेतृत्व में लखीमपुर में पहली बार रन फॉर योग कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया, इसके बाद एक सुबह मंगेश त्रिवेदी के साथ योग कार्यक्रम आवास विकास स्थित अटल बिहारी उद्यान में, लखनऊ की प्रयाग आरोग्यं केंद्र के साथ मिलकर 108 सूर्य नमस्कार कार्यक्रम शारदानगर में, 51 लाख सूर्य नमस्कार अभ्यास कार्यक्रम जिले भर के 12 स्थानों पर आयोजित किए गए। कोविड के समय में अपने निशुल्क योग कक्षाओं के माध्यम से 1500 से अधिक लोगों को एवं 500 से अधिक बच्चों को योगाभ्यास एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन कर लाभान्वित किया।
हाइम योग के माध्यम से अनवरत 162 सप्ताह 51 सूर्य-नमस्कार अभ्यास, 65 सप्ताह शुद्धि क्रिया अभ्यास एवं 101 सप्ताह प्रज्ञायोग अभ्यास कार्यक्रम का प्रत्येक रविवार को सफलतापूर्वक लखीमपुर के विभिन्न पार्कों, गांवों-कस्बों में निशुल्क आयोजन कर 15000 लोगों को लाभान्वित किया गया।
इसके अतिरिक्त जिले के विद्यालयों, महाविद्यालयों, कारागारों, स्ववित्त पोषित संस्थाओं, सरकारी संस्थाओं, संगठनों में नि:शुल्क योग शिविर के माध्यम से विगत 7 वर्षों में 92000 से अधिक बच्चों एवं लोगों को लाभान्वित किया गया।
गौर तलब है कि योगाचार्य प्रिंस रंजन जिले में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों, ख्यातिप्राप्त राजनेताओं सहित शहर के प्रख्यात समाजसेवियों एवं उद्योगपतियों के पर्सनल योग ट्रेनर रहे हैं साथ ही 2019 से आयुष विभाग को भी अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं।
न केवल योग बल्कि समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण, भोजन सेवा आदि सामाजिक कार्यक्रमों में समय-समय पर अपना योगदान देने वाले प्रिंस रंजन बरनवाल को जिले सहित प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया जा चुका है।
यह दूसरा अवसर होगा जब लखीमपुर निवासी प्रिंस रंजन बरनवाल देश की राजधानी में योग के क्षेत्र में दिए जाने वाले राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित होंगे।
प्रिंस रंजन बरनवाल ने बताया कि पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होने की खबर मिलने पर सगे संबंधियों सहित मित्रों एवं स्वजनों की बधाई संदेश प्राप्त होने लगे, साथ ही वे इस पुरस्कार को अपनी माता को समर्पित करते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments