मेरठ। ऑनलाइन अन्ना रेडी गेमिंग एप के जरिए कम निवेश पर अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन ठगों को मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। भारत, दुबई और कुवैत के सैंकड़ों लोगों से यह गिरोह रोजाना तकरीबन 15 लाख रुपये और अब तक करीब 27 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। ठगी की रकम हवाला के जरिए ये बदमाश एक-दूसरे के पास पहुंचाते हैं।एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि लोहियानगर थाना क्षेत्र के हापुड़ रोड जमनानगर निवासी सोहेल खान ने 1930 नंबर पर कॉल करके साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि साइबर ठगों ने दिवाली पर कम निवेश में अधिक मुनाफा दिलाने का झांसा देकर उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजते हुए करीब एक लाख रुपये का निवेश करा लिया लेकिन मुनाफे की रकम उन्हें नहीं भेजी।साइबर थाना पुलिस ने जांच के दौरान ठगी की रकम जिन बैंक खातों में गई थी, उसकी फर्स्ट और सेकंड लेयर का विवरण जुटाया। तफ्तीश में मुजफ्फरनगर के ताबली गांव के मोहम्मद समीर का नाम सामने आया। बाद में वाहनों की चेकिंग के दौरान मेडिकल थाना पुलिस ने एक कार को रोककर तलाशी ली तो 95 एटीएम कार्ड, चार मोबाइल, पांच पासबुक, नौ चेकबुक, 14 मोबाइल सिम बरामद किए गए। कार में सवार आसिफ उर्फ सिप्पा और जमील उर्फ जमीर से बरामद सामान के बारे में पूछताछ की गई तो सोहेल खान के साथ हुई ठगी से जुड़े मोहम्मद समीर के सेकंड लेयर बैंक अकाउंट का ब्यौरा मिला। इसकी साइबर थाना टीम और मेडिकल थाना पुलिस ने गहराई से जांच की तो पता चला कि यह साइबर ठगी करने वाला अंतरराष्ट्रीय गिरोह है। इसके बाद पुलिस ने मुजफ्फरनगर के कई गांवों में गिरोह के सदस्यों की तलाश में दबिश दी। वहां से तालिब को गिरफ्तार किया गया। नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।एसपी सिटी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि साइबर ठगी का मास्टर माइंड आसिफ उर्फ सिप्पा 2012 से 2023 तक 11 वर्ष कुवैत में रहा है। वहां उसके भाई महताब का रेस्टोरेंट है। कुवैत में वर्ष-2016 में छत्तीसगढ़ के चार्ली उर्फ सद्दाम से उसकी मुलाकात हुई। चार्ली एसी टेक्नीशियन का काम करता था। दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। करीब छह माह पहले दिल्ली के चांदनी चौक पर दोनों की मीटिंग हुई। दोनों की मुंबई में रहने वाले आहिल से बातचीत हुई। तीनों ने ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी कर मोटी रकम कमाने की योजना बनाई। आहिल ने अन्ना रेडी एप तैयार किया था। मोहम्मद समीर और चार्ली उर्फ सद्दाम समेत अन्य आरोपियों की तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं।एसपी सिटी ने बताया कि कंपनी का हेड चार्ली उर्फ सद्दाम को बनाया गया। आसिफ उर्फ सिप्पा ने फर्जी बैंक खाते खुलवाने के लिए अपनी जान-पहचान के 40 लोगों को कमीशन पर रखा। उनके नाम से फर्जी दस्तावेजों से सिम लेकर चार्ली उर्फ सद्दाम को उपलब्ध कराए। ये लोग सभी खातों के एटीएम कार्ड अपने पास रखते हैं। जमीर उर्फ जमील का खाता फर्स्ट लेयर में लगा था, जबकि तालिब का खाता उन्होंने कमीशन पर ले रखा था।एसपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह पहले लोगों को अपने ऑनलाइन गेमिंग एप का लिंक भेजता है। फिर उन्हें कम निवेश कर बड़े मुनाफे का झांसा देकर एप का सदस्य बनाया जाता है। सभी सदस्य अलग-अलग खातों में निवेश कराते हैं। निवेश की गई रकम धोखाधड़ी से अन्य खातों में ट्रांसफर करते हैं। अधिक पैसा आने पर मूल एकाउंट को बंद कर देते हैं। इस प्रकरण में मेडिकल थाने में धोखाधड़ी और संगठित अपराध की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए मुजफ्फरनगर के तावली गांव निवासी आसिफ उर्फ सिप्पा और जमीर उर्फ जमील व मखियाली गांव निवासी तालिब को कोर्ट में पेश किया है और कोर्ट से तीनों को रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है।
मंगलवार, 12 नवंबर 2024
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मेरठ : ऑनलाइन गेमिंग एप बनाकर ₹27 करोड़ की ठगी, मेरठ में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन शातिर गिरफ्तार
मेरठ : ऑनलाइन गेमिंग एप बनाकर ₹27 करोड़ की ठगी, मेरठ में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन शातिर गिरफ्तार
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