प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई. इसमें भूमि आवंटन के मुद्दे पर तमाम अखाड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाले अखाड़ा परिषद और कुंभ मेला प्रशासन के प्रतिनिधि शामिल हुए. यहां भूमि आवंटन पर दस अखाड़ों ने सहमति जताई. हालांकि निर्वाणी अनी समेत तीन अखाड़ों के प्रतिनिधि बैठक में नहीं पहुंचे प्रशासन की टीम के सामने अखाड़ों ने भूमि पर सहमति जताई. पांच फीसदी भूमि बढ़ाने के मुद्दे पर अखाड़ों के संत और प्रशासन में सहमति बन गई है. तीनों अनी अखाड़ों को छोड़कर सभी 10 अखाड़े बैठक में शामिल हुए. निर्वाणी अनी अखाड़ा, निर्मोही अनी अखाड़ा और दिगंबर अनी अखाड़ा बैठक में शामिल नहीं हुआ.जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, श्रीपंचायती निरंजनी, आह्वान अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, अटल अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा, बड़ा उदासीन अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा और निर्मल अखाड़े के संत बैठक में शामिल हुए. बैठक में शामिल 10 अखाड़ों को भूमि आवंटित कर दी जाएगी. तीनों अनी अखाड़ों को मंगलवार को मेला क्षेत्र में भूमि उपलब्ध कराई जा सकती है.गौरतलब है कि दस दिनों पहले भूमि आवंटन को लेकर हुई अनौपचारिक बैठक में दो अखाड़ों के साधु संत आपस में भिड़ गए थे.उनके बीच हाथापाई हुई थी. इसके बाद अखाड़ा परिषद ने गंभीर रुख अख्तियार करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
महाकुंभ में पवित्र स्नानों के अलावा धर्म संसद होगी. इसमें दुनिया भर के साधु संतो को धर्म संसद का निमंत्रण भेजा जाएगा. धर्म संसद में पारित प्रस्ताव को केंद्र और राज्य सरकारों को भेजा जाएगा.सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड के गठन की मांग साधु संत कर रहें हैं.अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने ये जानकारी दी है.
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