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शनिवार, 28 सितंबर 2024

छोटी काशी काव्य कुंभ में दोबारा काव्य पाठ करने वाले प्रथम कवि बने राम मोहन गुप्त

कपिलश फाउंडेशन के तत्वावधान में नवीन वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए आयोजित किए जा रहे छोटी काशी काव्य कुंभ कवि सम्मेलन में लखीमपुर के राम मोहन गुप्त के नाम एक और ख्याति दर्ज हो गई। आयोजन के प्रमुख संयोजक संचालक यतीश चंद्र शुक्ल के आह्वान पर दोबारा काव्य पाठ करके, राम मोहन गुप्त वर्तमान वर्ल्ड रिकार्ड के ऐसे प्रथम कवि बन गए जिन्होंने निर्धारित समय सीमा बाध्यता के पैमाने को पार करने के बाद अपनी प्रस्तुतियां दीं।

रॉयल लॉन गोला गोकर्णनाथ में अपने त्वरित सृजन, समन्वयन और प्रेरक संचालन से लोकप्रियता प्राप्त करने वाले राम मोहन गुप्त 'अमर' ने "एकल वृक्ष उखड़ जाते हैं आंधी तूफ़ान आने से, सह जाते झंझावात सभी एक साथ उग आने से, कैसे भूलूं सत्य बाद अंधेरे के सदा उजाला आता है, फूल उपहास हालात का, जब कुछ न था, सब कुछ था और फूल उपहास हालात का" आदि रचनाएं प्रस्तुत कर सभी की अपार सराहना प्राप्त की। इसी पाली में गोला के सुविख्यात स्वर श्रीकांत तिवारी कांत, संत कुमार बाजपेई, मुनेंद्र मंजुल आदि ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर लोगों के दिल जीत लिए।

छोटी काशी काव्य कुंभ कवि सम्मेलन के प्रथम दिवस भी राम मोहन गुप्त द्वारा अपनी सक्रिय सहभागिता दर्ज कराते हुए काव्य पाठ किया गया था जिसे भी काफी सराहा गया था। विश्व कीर्तिमान हेतु आयोजित काव्य कुंभ के अवसर पर आयोजन के संरक्षक पूर्व विधायक विनय तिवारी, संयोजक यतीश चंद्र शुक्ल, श्रीकांत तिवारी कांत एवं रविसुत शुक्ल, आयोजन समिति के रामजी रस्तोगी, प्रहलाद पटेल, सुधीर अवस्थी, कपिलश फाउंडेशन की अध्यक्ष शिप्रा खरे, टाइम कीपर गीतांजलि, जेबा एवं अजय शुक्ला सहित भारी संख्या में कवि-कवियत्री, अतिथि एवं श्रोता उपस्थित रहे।

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