● राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा दस्तक के लिए नई प्रतिभाओं की खोज का फाइनल चरण संपन्न
● 'दस्तक' के अंतिम चरण में भी झलकी आर.जी.कर. में महिला डॉक्टर के साथ हुए अपराध की वेदना
कोलकाता 23 सितम्बर। राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल के तत्वावधान में युवा काव्य प्रतिभाओं की खोज के तहत, प्रांतीय अध्यक्ष डॉ० गिरिधर राय के मार्गदर्शन एवं प्रांतीय सह महामंत्री बलवंत सिंह की अध्यक्षता में बड़ाबाज़ार लाइब्रेरी के आचार्य विष्णुकांत शास्त्री सभागार में, दिनकर जयंती की पूर्व संध्या पर स्वरचित कविता स्पर्धा- ‘दस्तक चयन प्रतियोगिता’ के दूसरे चरण का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
यह दस्तक युवा रचनाकारों का कवि सम्मेलन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी के आदेशानुसार प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरिधर राय के जन्मदिन के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष सितंबर माह में सुविधाजनक समय पर किया जाता है। कार्यक्रम का संयोजन किया मध्य कोलकाता इकाई के अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने एवं कुशल संचालन किया नार्थ 24 परगना की उपाध्यक्ष सुषमा राय पटेल ने। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ० कमल कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में बड़ा बाज़ार लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष जयगोपाल गुप्ता उपस्थित थे। प्रांतीय मंत्री एवं प्रमुख मीडिया प्रभारी देवेश मिश्र ने कार्यक्रम को तरंग माध्यम से प्रसारित करने में अहम् भूमिका निभाई। इस स्पर्धा में 30 वर्ष से कम आयु के युवा कवि-कवयित्रियों की प्रतिभाओं का आंकलन किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा द्वारा शारदे वन्दना एवं जिला मंत्री स्वेता गुप्ता स्वेताम्बरी के स्वागत भाषण के साथ हुआ। तत्पश्चात सभी युवा प्रतिभागियों ने अपनी-अपनी स्वरचित रचना सुनाकर सभागार में खूब तालियाँ बटोरी। कोलकाता के आर.जी.कर. अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई जघन्य घटना का प्रतिकार एवं भगवान् श्री राम के असीम गुणों का वर्णन, प्रतिभागियों की रचनाओं का अहम् विषय रहा। प्रतियोगिता के इस दूसरे चरण में जिन युवाओं ने भागीदारी की, उनके नाम हैं– आशीष मंडल, अतिश राय, निधि सिंह, प्रियांश दाधीच, शिविर ढांढनिया, सृष्टि मिश्रा, सौमी मजुमदार एवं स्वीटी माहातो।
इस प्रांतीय दस्तक स्पर्धा में, निर्णायकों के रूप में प्रांतीय उपाध्यक्ष श्यामा सिंह, जिला महामंत्री स्वागता बसु एवं जिला मंत्री आलोक चौधरी ने सभी नवोदित कलमकारों की प्रतिभा का आंकलन करते हुए, सौमी मजुमदार को प्रथम, आशीष मंडल को द्वित्तीय एवं श्रृष्टि मिश्रा को तृतीय घोषित करते हुए उन्हें मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया। इनके अलावा, दस्तक प्रतियोगिता के प्रथम चरण में भाग लेने वाले अन्य सभी प्रतिभागियों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। दस्तक स्पर्धा के आयोजन में भारती मिश्रा, मौसमी प्रसाद, ऊषा जैन एवं विकास ठाकुर का भी विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ० कमल कुमार ने अपने वक्तव्य में राष्ट्रीय कवि संगम के इस प्रयास की सराहना की एवं प्रतिभागियों को कविता के महत्व को दर्शाते हुए डॉ लक्ष्मी शंकर बाजपेई की पंक्तियों को उद्धृत किया- न कोई बोल पाए जब तो कविता बोल देती है/अंधेरे में वो खिड़की रोशनी की खोल देती है। इस अवसर पर प्रथम चरण में भाग लेने वाले प्रतिभागी - प्रगति दूबे, काजल शाह, सुजाता माहातो, अनुराधा कुमारी भगत के साथ साथ, श्रोताओं के रूप में कंचन राय, डॉ० मनोज मिश्रा, आशुतोष मणि त्रिपाठी, सूर्या बसु, आदित्य नारायण मिश्रा, माही मिश्रा, अभिषेक मंडल, ऋषिक वर्मा, नारायण शाह, आयूष राय, असद एवं अरविन्द तिवारी भी उपस्थित रहे। मध्य कोलकाता जिला संरक्षक उमेश चन्द्र तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह कार्यक्रम सुसंपन्न हुआ|
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