● ,,,,,, आखिर मैं भी एक मीरा थी,,,,,, : कमल सक्सेना
बरेली, 25 सितम्बर. लेखिका संघ के तत्वाधान में हिंदी पखवारे के अंतर्गत बाँके बिहरी होटल में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि गीतकार कमल सक्सेना ने की।
कवि गोष्ठी का शुभारम्भ डॉ निशा शर्मा द्वारा माँ वाणी की वंदना से हुआ।
कमल सक्सेना ने हिंदी को समर्पित अपना गीत पढ़ते हुए कहा कि,,
" मैं तो दरवेश कबीरा थी। मैं तुलसी सूर कबीरा थी। मैने पग पग पर गरल पिया आखिर मैं भी एक मीरा थी। "
कवि राजेश गौड़ ने कहा कि,,,
भूख अपने हिस्से का टुकड़ा उठा लेती है। "
मीना अग्रवाल ने कहा कि " ख़ुद तेरे दिल में मेरा दिल डाल दे,,,
संस्था की अध्यक्ष दीप्ती पांडे ने अपनी ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा,,,
जिसे देखो हर इंसान परेशान सा है.
लगता है आने वाला कोई तूफान सा है। जिधर देखो कशमकस जैसा मुकाम सा है। नूतन परिणाम से इंसान अनजान सा है। "
संस्था की उपाध्यक्ष अल्पना नारायण ने अपनी ग़ज़ल इस तरह पढ़ी,,, मोहब्बत की शम्मा जलाने चला हूँ। तुम्ही को ही तुम से चुराने चला हूँ। "
किरण प्रजापति दिलवारी ने अपनी कविता पढ़ते हुए कहा कि,, "मैं ना बोलूंगी तो मेरी लेखनी बोलेगी "
सुशीला धस्माना मुस्कान ने अपनी ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा कि "
" कूचे वीरान हो गये देखो। लोग हैवान हो गये देखो। "
डॉ निशा शर्मा,, " चाँद तारों का रौशन जहाँ चाहिए। उस जगह पर मुझे बस तू चाहिए।
कमल कान्त तिवारी ने देश प्रेम की रचना पढ़ते हुए कहा कि " मंदिर मंदिर शंख बजे औऱ मस्जिद लगे अजान है। मेरा मेरा हिव न्दुतान है।
मोना प्रधान ने कहा कि,, भारत मां के मस्तक पर बिंदी है हिंदी की शान , "
संस्था की सचिव किरण कैंथवाल ने एक शेर कुछ इस तरह पढ़ा,,,
" तू जो रहता है मेंरे दिल के आशियाने में, तो ये के लगता है जरा सी बात कर लूँ मैं।
कवि गोष्ठी में कमल सक्सेना, राजेश गौड़, एस के कपूर, अविनाश अग्रवाल, बीनू सिन्हा,कमलकान्त तिवारी,किरण प्रजापति दिलवारी, अल्पना नारायण, डॉ निशा शर्मा, दीप्ती पांडे, किरण कैंथवाल, मीना अग्रवाल, मीरा मोहन, मोना प्रधान, सुशीला धस्माना मुस्कान, सीमा सक्सेना आदि कवियों ने अपनी रचनाएँ पढ़कर कार्यक्रम कि शोभा बढ़ाई। अंत में डॉ निशा शर्मा व ओज कवि कमलकान्त तिवारी को साहित्य में उनके योगदान के लिये शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
संस्था की संरक्षक श्रीमती निर्मला सिंह अस्वस्थता के कारण गोष्ठी में नहीँ आ सकी। उन्होंने कार्क्रम कीसफलता के लिये अपना सन्देश भेज दिया जिसे अध्यक्ष दीप्ती पांडे ने पढ़कर सुनाया।कवि गोष्ठी का सुंदर एवं सफल संचालन संस्था अध्यक्ष दीप्ती पांडे नूतन ने किया। अंत में संस्था की अध्यक्ष दीप्ती पांडे नूतन ने सभी कवियों व कवियित्रियों का आभार प्रकट किया औऱ सभी को भोजन के लिये आमंत्रित किया।
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