प्रयागराज बारिश इंफेक्शन और मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करता हैं। इस समय आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। इसलिए इस मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी हो जाता है। ध्यान रखें की कई पोष्टिक चीजें भी इस मौसम में नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में डॉक्टर रेखा सिंह की सलाह आपके बड़े काम आ सकती है।बारिश का मौसम नमी भरा मौसम होता है। बारिश इंफेक्शन और मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करते हैं। इसके साथ ही बारिश के मौसम में आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक क्षमता कम होती है। जिसके वजह से आप बारिश के दिनों में बिना भिगे ही बीमार पड़ जाते है। डॉ रेखा सिंह बताती हैं कि बारिश में वात दोष उतेजित हो जाता है और साथ ही पित्त दोष भी बढ़ रहा होता है। ऐसे में बारिश के दिनों में आपकी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। इसलिए बारिश में खान-पान को लेकर अपना विशेष ध्यान रखना और कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।हरी पत्तेदार सब्जियों को बहुत पौष्टिक और सेहत के लिए लाभकारी मान जाता है। लेकिन बरसात के मौसम में पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए। इस मौसम का तापमान और आर्द्रता हरी पत्तेदार सब्जियों पर बैक्टीरिया और फंगस के विकास के लिए अनुकूल होती है। इस वजह से हरी सब्जियों से पेट में संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए पालक, मेथी के पत्ते, पत्ता गोभी, फूलगोभी जैसी सब्जियों को बारिशों में बिल्कुल न खाएं। इसके बजाय करेला, घिया, तोरी और टिंडा जैसी सब्जियां खाने में शामिल करें ।बरसात में नमी होने के कारण मांसाहार जल्दी खराब हो जाते हैं। बरसाती मौसम मछलियों के लिए प्रजनन का समय होता है इसलिए उन्हें नहीं खाना चाहिए । बाकि अन्य मांसाहार जैसे चिकन, मटन जल्दी खराब भी हो जाते है। तो साल के इन दिनों में मांसाहार से पूरी तरह दूर रहे। अगर मांसाहार करना है, तो बिल्कुल ताज़ा इस्तमाल करें और अच्छे से पकाकर ही खाएं।
बारिश के मौसम में पकौड़े, समोसे, कचौड़ी खाने का सबसे ज़्यादा मन करता है। लेकिन ज़्यादा नमी वाला मौसम पाचन तंत्र को धीमा कर देता है। बरसाती मौसम में चाट और पकोड़े से गैस संबंधी परेशानी, एसिडिटी आदि से पेट खराब हो जाता है। इसके अलावा दूषित खाना-पानी जनित बीमारियां जैसे कि पीलिया, हैजा और दस्त आदि भी हो सकते हैं।बारिश के उमस भरे मौसम में सॉफ्ट ड्रिंक पहले से ही धीमे चल रहे पाचन तंत्र को कमजोर कर सकते हैं। साथ ही आपके शरीर में खनिजों को कम कर सकते हैं। इसलिए इस मौसम नींबू पानी, जलजीरा जैसे पेय पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा गर्म पेय पदार्थों जैसे अदरक वाली चाय का इस्तेमाल करें ।सड़क किनारे मिलने वाले फल लंबे समय तक रखे रहते हैं, जिन्हें बारिश की हवा का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन पर कीटाणु चिपक जाते हैं, जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही, बाहर मिलने वाला फलों का रस पीना सही नहीं होता है क्योंकि ये टायफाइड, उल्टी और दस्त का कारण बन सकता है। घर पर ही फलों का ताज़ा रस निकालें और तुरंत उसका इस्तेमाल करना ही बेहतर विकल्प है।
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