लखनऊ उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अंदर चल रहा शह-मात का खेल लगता है कि थम गया है। सूबे में जिस तरह से लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद बीजेपी में अघोषित सत्ता का संघर्ष शुरू हुआ था और उसी तरह से अघोषित युद्धविराम भी हो गया है। सरकार से बड़ा संगठन बताकर सियासी हलचल मचाने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सुर बदल गए हैं और अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शान में कसीदे गढ़ रहे हैं।केशव मौर्य ने मिर्जापुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी की तरह दुनिया में कोई दूसरा नेता नहीं और देश में योगी आदित्यनाथ जैसा कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं है। पीएम मोदी दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली नेता हैं और जब देश के मुख्यमंत्रियों की बात आती है, तो सीएम योगी का नाम आता है और उनके नेतृत्व में अच्छा काम किया जा रहा है। केशव मौर्य के यूटर्न लेने पर सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि अचानक क्या हुआ, जिसके चलते उनके तेवर ढीले ही नहीं पड़े बल्कि पूरी तरह से बदल गए हैं।उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने उस बयान से लगता है किनारा कर लिया है, जिसमें उन्होंने सरकार से बड़ा संगठन बताया था. इस बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी में सब कुछ ठीक ठाक नहीं है। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव के बाद केशव मौर्य और बृजेश पाठक दोनों ने ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कई प्रमुख सरकारी बैठकों से दूरी बना रखी थी। केशव मौर्य ने सीएम योगी द्वारा बुलाई गई बीजेपी विधायकों की प्रयागराज मंडल बैठक में भी शिरकत नहीं की थी, इसके चलते बीजेपी में अंतर्विरोध की चर्चाएं तेज हो गई थीं।केशव मौर्य ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक का दौरा लगाकर मोर्चा खोल दिया था और अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे. सीएम योगी और केशव के बीच सियासी तलवार खिंच गई थी, लेकिन 29 जुलाई को पहली बार दोनों उपमुख्यमंत्री न केवल मुख्यमंत्री के बगल में बैठे नजर आए, बल्कि सुबह जब मुख्यमंत्री मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे, तब भी वे एक ही फ्रेम दिखाई दिए. इससे यह संकेत मिलने लगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक का मनमुटाव सुलझा लिया गया है।केशव मौर्य के बयान में भी ऑल इज वेल दिखने लगा है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मझवा विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी और सीएम योगी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि आप भी जानते हैं और जनता भी मानती है कि डबल इंजन की सरकार स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे अच्छा काम कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसा कोई मुख्यमंत्री नहीं है. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीजेपी ही वर्तमान है, बीजेपी ही भविष्य है, बीजेपी मजबूत तो भारत मजबूत. बीजेपी कमजोर तो भारत कमजोर. सीएम योगी की शान में कसीदे गढ़कर केशव मौर्य क्या सियासी संदेश देना चाहते हैं
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान ऐसे समय आया है, जब उपचुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है. यूपी में बीजेपी के टॉप फाइव नेताओं के बीच उपचुनाव वाली 10 सीटों का बंटवारा हो चुका है. सीएम योगी के पास मिल्कीपुर और कटेहरी विधानसभा सीट की जिम्मेदारी है, तो केशव प्रसाद मौर्य के पास फूलपुर और मझवा विधानसभा सीट का जिम्मा है. इस तरह योगी और केशव को अपने-अपने कोटे की सीटों का जिताने की जिम्मेदारी है. ऐसे में उपचुनाव में हार जीत का असर उनके सियासी कद पर सीधे पढ़ सकता है. इसीलिए अब ऑल इज वेल का संदेश देने के लिए सारी कवायद हो रही है।राजनीतिक विश्लेषकों ने सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच इस खुशफहमी को हाल की दिल्ली यात्रा के व्यापक प्रभाव के रूप में देखा. बीजेपी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और योगी की बैठक के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक में सीएम और दोनों डिप्टी सीएम की भागीदारी और नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री योगी की मौजूदगी ने ही सारे अंतर्विरोध पर विराम लगा दिया था. इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार और संगठन में समन्वय के बिना चुनाव जीतना आसान नहीं है।माना जा रहा है कि दिल्ली की बैठकों में न सही, लेकिन अनौपचारिक रूप से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने यूपी सरकार के तीन बड़े नेताओं को संयम बरतने की ताकीद जरूर की है. इसके चलते ही विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बदले वातावरण के संकेत मिलने लगे। यूपी बीजेपी में सरकार और संगठन के बीच बीते एक महीने से मची उठापटक के अचानक शांत होने से भी कई तरह की कयासबाजी को बल मिला है. इसके लिए यह भी महत्वपूर्ण है, केशव ने जिन मुद्दों को उठाया था, उन्हें अलग-अलग प्लेटफॉर्म से एड्रेस किया जा चुका है। कुछ लोग इसे योगी आदित्यनाथ के बढ़ते प्रभाव के आगे सरकार और संगठन के बीच की जोर आजमाइश को थमने की बात कह रहे हैं। बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट के शुरुआती नामों में योगी आदित्यनाथ का नाम आता है। 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनने से लेकर दूसरी बार यूपी का सीएम बनने तक, योगी आदित्यनाथ खुद चुनाव कभी नहीं हारे हैं। योगी की लोकप्रियता उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश में काफी बढ़ चुकी है। इसके अलावा संघ के साथ उनके रिश्ते भी काफी मजबूत हैं। योगी सरकार में अगर केशव मौर्य को बने रहना है कि बिना सीएम के साथ संतुलन बनाए चला नहीं जा सकता है। यही वजह है कि केशव मौर्य के सुर बदल गए हैं।
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