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सोमवार, 19 अगस्त 2024

राष्ट्र रक्षा शौर्य शक्ति स्वाभिमान सम्मान संस्कृति संस्कारो की रक्षा का संकल्प आज ले .राघवेन्द्र सिह राजू

ग्वालियर दर्पण कालौनी ग्रीन वुड्स समुह चैयरमेन किरन भदौरिया  संगठन  राष्ट्रीय  लेखाधिकारी के नाम पर रक्षाबंधन कार्यक्रम मे मौजूद 
 संगठन अखिल  भारतीय  क्षत्रिय  महासभा के वरिष्ठ  राष्ट्रीय  महामंत्री  राघवेन्द्र सिह राजू ने रक्षाबन्धन  की शुभकामनाएँ   देकर कहा कि भारतीय संस्कृति में श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन पर्व भाई-बहन के पवित्र स्नेह का प्रतीक है.  आज रक्षाबन्धन  है .यह पर्व मात्र रक्षासूत्र के रूप में राखी बाँधकर रक्षा का वचन देने का ही नहीं, वरन् प्रेम, स्नेह, समर्पण, संस्कृति की रक्षा, निष्ठा के संकल्प के जरिये हृदयों को बाँधने का वचन देने का भी पर्व है ।रक्षासूत्र' बाँधने की परम्परा तो वैदिक काल से रही है, जिसमें यज्ञ, युद्ध, आखेट, नये संकल्प और धार्मिक अनुष्ठान के आरम्भ में कलाई पर सूत का धागा (मौली) बाँधा जाता है । रक्षासूत्र को बोलचाल की भाषा में ‘राखी' कहा जाता है, जो वेद के संस्कृत शब्द ‘रक्षिका' का अपभ्रंश है ।
इस दिन बहन भाई के मस्तक पर तिलक-अक्षत लगाते समय संकल्प करे कि ‘मेरे भाई का मन अक्षय ज्ञान में, अक्षय शांति में, अक्षय आनंद में प्रवेश पाये । मेरे भाई को अक्षय सुख मिले, उसे अक्षय उपलब्धि हो । वर्ष भर का प्रत्येक दिवस मेरे भाई के लिए सुमधुर हो । सफलता में अहंकार न हो, विफलता में विषाद न हो । सफलता, विफलता स्वप्नतुल्य लगे, उसे देखनेवाले अपने-आपको जाने, ब्रह्मज्ञान हो, आत्मज्ञान हो । जिस ज्ञान से बढ़कर कोई ज्ञान नहीं, जिस सुख से बढ़कर कोई सुख नहीं है, जिस लाभ से बढ़कर कोई लाभ नहीं है - ऐसा आत्मलाभ हो । मेरा भाई त्रिलोचन बने अर्थात् दो नेत्रों से जगत को देखकर साधारण जीव की तरह आयुष्य नष्ट न करे, अपितु परमात्मज्ञान सम्पन्न तीसरा नेत्र खोले ।' भाई बहन के शील, स्वास्थ्य और मनोभावों की रक्षा करने का संकल्प करे ।
राखी कितनी कीमती है इसका महत्त्व नहीं है, बाँधनेवाले का भाव व बँधवानेवाले की दृढ़ता जितनी अधिक है उतना ही अधिक फल होता है 
हिन्दू धर्म के कुछ सुसंस्कारों के लिए श्रावणी पूर्णिमा सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है ,,,,संघर्ष में आदमी अकेला होता है, सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,जिस जिस पर ये जग हंसा है,हर उस शक्स ने हमेशा इतिहास रचा है   कदम हमेशा चलते जिनके, श्रम जिनका अविराम है।विजय सुनिश्चित होती उनकी यह , घोषित परिणाम् है? आज  रक्षाबंधन पर्व  की शुभकामनाएं भारत माता की रक्षा के  साथ हमारी  बहिनो  बेटियाे घर परिवार की रक्षा का संकल्प ले ।

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