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शुक्रवार, 2 अगस्त 2024

पत्नी से बदला लेने के लिए जेल की दीवार फांदकर भागा था कालीचरण, पकड़ने के लिए महोबा पहुंची टीम


प्रयागराज नैनी सेंट्रल जेल से सजायाफ्ता कैदी काली चरण के फरार होने का एक बड़ा सच सामने आया है। बताया जा रहा है कि वह अपने दुश्मन यानी पहली पत्नी से बदला लेने के लिए जेल से भागा है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब नैनी सेंट्रल जेल से महोबा पहुंची टीम उसके घर और ससुराल के साथ उसे विपक्षियों के घर जाकर पूछताछ की। ज्ञात हो कि बीते 20 जुलाई को नैनी सेंट्रल जेल के सर्किल नंबर दो (दुगाड़ा) में गैंगरेप और हत्या के मामले में बंद सजायाफ्ता कैदी काली चरण उर्फ़ बऊआ बाहर बाग़ कमान से वार्डरों को चकमा देकर 25 फिट की दीवार कों फांद कर भाग निकला था। वह जेल से क्यों भागा। इसके पीछे भी एक राज खुलकर सामने आया है। 
 बतादेंकि काली चरण के फरार होने के मामले में जेल प्रशासन ने तीन वार्डर आशुतोष चतुर्वेदी, बृजेश यादव, अभिषेक सिंह व हेड वार्डर बलबीर सिंह को सस्पेंड किया था। जिसके बाद सस्पेंड किये गए आशुतोष चतुर्वेदी, बृजेश यादव, व हेड वार्डर बलबीर सिंह को कैदी की तलाश के लिए  वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल के निर्देश पर महोबा भेजे गये थे।जहां देर रात टीम खाली हांथ वापस लौट आई। जेल सूत्रों के मुताबिक टीम कालीचरण के घर पहुंच कर उसकी पत्नी रोशनी और उसके परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ की थी। वहां से जानकारी हासिल करने के बाद टीम उसके पहली पत्नी के घर पहुंच गई। जहां से टीम को पहली पत्नी सोनी ने पूरी बात बताई। पहली पत्नी सोनी अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती है। पता चला है कि कालीचरण की पहली शादी सोनी से हुई थी। किसी बात को लेकर मन मुटाव हुआ और वह सोनी को छोड़ दिया। जिसके बाद उन लोगों ने काली चरण के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। सूत्रों के मुताबिक सोनी ने बताया कि कालीचरण दो दिन पहले उसके घर आया था लेकिन पुलिस को खबर मिलने के बाद वह वहां से भाग निकला। जिसके बाद से टीम उसकी तलाश कर रही है। 
कैदी काली चरण की तलाश हुई लगी टीम मध्य प्रदेश, महोबा, दिल्ली, मुंबई के साथ अन्य जगहों पर दबिश दे रही है। मंगलवार को नैनी सेंट्रल जेल के सस्पेंड वार्डरों ने कैदी की तलाश के लिए पूरा महोबा छान मारा। हेड वार्डर बलबीर सिंह, वार्डर बृजेश याद और आशुतोष चतुर्वेदी महोबा के  मध्यप्रदेश के अन्य जगहों पर तलाश करते रहे। तीनों लोग चित्रकूट भी लोकेशन मिलने पर पहुंचे लेकिन कैदी का कोई सुराग नहीं लग सका। बताया जा रहा है कि क्राइम ब्रांच, एसओजी, एसटीएफ और महोबा पुलिस अभी भी अपना जाल बिछाए बैठे है।

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