प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगले साल प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के लिए की जा रही पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को इस मामले को लेकर होने वाली अगली सुनवाई में वीडियो कान्फ्रेंसिंग या व्यक्तिगत रूप से शामिल होने का निर्देश दिया और कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना राज्य दायित्व हैं। इस मामले में आनंद मालवीय व अन्य की ओर से महाकुंभ की तैयारी में सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे सड़क किनारे के पेड़ों को काटने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। शुक्रवार को जस्टिस एम के गुप्ता और जस्टिस मनीष कुमार निगम की डिवीजन बेंच में इस पर सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। इससे पहले पीडीए (प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी) उपाध्यक्ष ने कोर्ट को आश्वासन दिया था इसके लिए जितने पेड़ काटे जायेंगे उसके दस गुना अधिक पेड़ लगायें जायेंगे। इस पर कोर्ट ने कहा था महात्मा गांधी मार्ग व सरदार पटेल मार्ग सहित विभिन्न मार्गों पर बरसात में छायादार वृक्ष लगाए जायें। कोर्ट ने यह भी कहा था संविधान के अनुच्छेद 47के तहत पर्यावरण की रक्षा करना राज्य का संवैधानिक दायित्व है।कोर्ट ने कहा, सरकार प्रदूषण मुक्त वातावरण रख लोक स्वास्थ्य में बढ़ोतरी करे। किसी को मानव प्रजाति को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह अनुच्छेद 21 के जीवन के अधिकार का हिस्सा है। याची का कहना है कि सड़क किनारे खड़े पेड़ रिहायशी लोगों की लाइफ लाइन है। स्मार्ट सिटी परियोजना में सरकार पेड़ों की कटाई कर रही है लेकिन, नये पेड़ नहीं लगाये जा रहे हैं। बिना किसी पर्यावरण अध्ययन के बदले में पेड़ लगाने की योजना बगैर पेड़ों को काटने की अनुमति दी जा रही है। सी वाई चिंतामणि रोड व गोविन्द पुर में भारी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं. कोर्ट के आदेश पर एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में गठित कमेटी मनमानी कर रही है। इसकी संस्तुति पर डीएम प्रयागराज ने 1341 पेड काटे जाने की अनुमति दी है। जिसमें से सी वाई चिंतामणि रोड पर 148 पेड़ इसकी जद में आ रहे हैं। पीडीए ने कहा था कि शांतिपुरम कुंभ मेला रोड से बेला कछार क्षेत्र में 700 पेड़ लगेंगे। मुख्य स्थाई अधिवक्ता कुणाल रवि ने कहा था कि सी वाई चिंतामणि रोड पर 148 के बजाय अब केवल 78 पेड ही काटे जायेंगे. जुलाई अगस्त में नीम, कचनार, गुलमोहर, अर्जुन, अमलतास आदि पेड़ लगाने की योजना है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा 30 मई के आदेश से कोर्ट ने उपाध्यक्ष को निर्देश जारी किए थे. जिनका अब तक पालन नहीं किया गया है।
सोमवार, 12 अगस्त 2024
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पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, पर्यावरण की रक्षा करना राज्य का दायित्व
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, पर्यावरण की रक्षा करना राज्य का दायित्व
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