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शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

Lmp : पं0 दीनदयाल उपाध्याय SVM (सीबीएसई) में संपन्न हुआ कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम

🔘 "कारगिल विजय दिवस" कार्यक्रम में भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम को किया गया याद 

🔘 पंडित दीन दयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज (सीबीएसई) में संपन्न हुआ कार्यक्रम 

दैनिक जनजागरण न्यूज। भारतीय सेना की वीरता, शौर्य व पराक्रम के प्रतीक कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष में आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सीबीएसई बोर्ड में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में  सीमा सुरक्षा बल डिप्टी कमांडेंट बृजेश यादव व विशिष्ट अतिथि के रूप में राम शंकर गौड़ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व प्रधानाचार्य अरविंद सिंह चौहान द्वारा मां सरस्वती  व भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण,पुष्पार्चन व दीप प्रज्वलन कर किया गया । सर्वप्रथम भारत-पाक कारगिल युद्ध (1999) के दौरान अदम्य साहस का परिचय देकर अपनी शहादत देने वाले सभी वीर सैनिकों को नमन किया गया व उनको श्रद्धांजलि दी गयी। विद्यालय के भैया बहनों के द्वारा आज के दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान विद्यालय के भैया बहनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। इस अवसर पर संस्कृत ज्ञान परीक्षा में सफल होने वाले अभिभावकों सुनील कुमार शुक्ला व अनुपम कुमार त्रिपाठी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि डिप्टी कमांडेंट बृजेश यादव ने बताया कि भारत संस्कृति, क्षमा और साहस की भूमि है। यह देश और इसका इतिहास दुनिया के लिए उल्लेखनीय और प्रेरणादायक है। भारतीय सबसे कठिन दृश्यों से गुज़रे हैं और फिर भी अपना गौरव बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। हमारे सैनिकों ने कई लड़ाइयां लड़ी हैं और उनमें जीत हासिल की है।' ऐसा ही एक यादगार युद्ध है कारगिल। इस भूमि को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद करने के लिए 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि क्यों आज के दिन को विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने बताया कि
"रक्त वीर शहीदों का था, हर सपूत बलिदानी था,
कारगिल पर्वत शिखर पर पवन चला तूफानी था,
हिमप्रपात बन हिमगिरि से रक्त शत्रु का जमा दिया,
विजय दिवस की शौर्य पताका देने वाला अभिमानी था।"
कार्यक्रम के अंत में आये हुए समस्त अतिथियों, सभा में उपस्थित भैया बहनो,अभिभावकों  व आचार्य परिवार ने राष्ट्रगान व भारत माता कि जयघोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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