बिना दीपक जलाए पूजा अधूरी होती है. इसलिए हर एक पूजा में दीपक चलाया जाता है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि दीपक जलाने के बाद बुझी हुई बाती को कूड़ेदान में नहीं फेंकना चाहिए और न ही इसे किसी जगह विसर्जित करना चाहिए. क्योंकि जली हुई बाती आपकी जिंदगी बदल सकती है. आईए जानते हैं दीपक की जली हुई बाती का क्या करें.पंडित शिवकुमार शर्मा शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में लिखा है कि दीपक की जली हुई बाती सकारात्मक ऊर्जा देती है. इसलिए इसे बेकार जगह में नहीं फेंकना चाहिए. 10 दिनों तक दीपक की जली हुई बाती को इकट्ठा करके 11 वें दिन एक दीपक में कपूर के साथ चार लोंग मिलाकर इन बाती को जलाना चाहिए और इससे निकलने वाला धुंआ पूरे घर को दिखाना चाहिए, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी. सनातन धर्म भवुति का भी बड़ा महत्व है, इसलिए कई जगह दरबार में आज भी निरंतर धूनिया जल रही हैं. उनकी भवुति लोगों के लिए चमत्कार का काम करती है. इसी तरह जली हुई बाती की भावुति संभाल कर रखना चाहिए और जब कोई भी व्यक्ति या घर का सदस्य अच्छे काम करने के लिए, परीक्षा देने घर से निकलता हो तो उसका इससे तिलक कर विदा करने से सफलता जरूर मिलती है.जली हुई बाती की राख घर के छोटे बच्चों के लिए वरदान है. जब बच्चों को नजर लग जाती है तो कई टोटके करनी पड़ते हैं. इसी में से एक है बच्चों की नजर उतारने के लिए जली हुई बाती की राख. शरीर के सामने से सात बार उतार कर बाती को किसी भी पेड़ की जड़ पर डाल दें. इससे बच्चे की नजर भाग जाती है अगर राख ज्यादा हो जाए तो उसे किसी भी पेड़ की जड़ों में डालने से भी शुभ होता है.
सोमवार, 8 जुलाई 2024
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पूजा के बाद जली हुई दीया बाती भी बदल देगी किस्मत, कूड़े में फेंकने के बजाय करें यह काम
पूजा के बाद जली हुई दीया बाती भी बदल देगी किस्मत, कूड़े में फेंकने के बजाय करें यह काम
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