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रविवार, 9 जून 2024

किसे रखें,किसे छोड़ें,राहुल और अखिलेश के सामने अपनी सीटों को लेकर धर्मसंकट

लखनऊ।कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस बार लोकसभा चुनाव में अच्‍छा प्रदर्शन किया है,लेकिन अब राहुल गांधी और अखिलेश यादव धर्मसंकट में फंस गए हैं।राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में रायबरेली और केरल की वायनाड लोकसभा से शानदार जीत हासिल की है।राहुल वायनाड से 3.90 लाख और रायबरेली से 3.64 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता है।यानि रायबरेली और वायनाड के लोगों में इसे लेकर कोई संशय नहीं था कि कांग्रेस नेता को ही जिताना है,लेकिन राहुल अब धर्मसंकट में फंस गए हैं।राहुल के सामने धर्मसंकट है कि रायबरेली छोड़ें या वायनाड।ये एक ऐसा सवाल है,जिसे लेकर कांग्रेस में बड़ी बहस चल रही हो तो कोई अचरज की बात नहीं होगी।वहीं करहल विधानसभा से विधायक अखिलेश यादव ने इस बार कन्‍नौज लोकसभा से चुनाव लड़ा था। कन्नौज से अखिलेश यादव ने 1.70 लाख वोटों से जीत दर्ज की है।अब अखिलेश के सामने भी ये संकट है कि वे विधायक रहें या सांसद रायबरेली के लोगों ने फिर एक बार गांधी परिवार के प्रति अपनी निष्‍ठा जाहिर की है।राहुल गांधी को 3.64 लाख वोटों के अंतर से विजयी बनाया है। 2019 लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था।ऐसे में राहुल को इस बार भी शायद पक्‍का यकीन नहीं था कि वह रायबरेली जीत पाएंगे।इसलिए राहुल ने वायनाड से भी चुनाव लड़ा था,लेकिन राहुल का ये संशय रायबरेली की जनता ने भरपूर वोट कर दूर कर दिया है।ऐसे में राहुल के लिए रायबरेली को छोड़ना आसान नहीं होगा।वहीं वायनाड की जनता ने राहुल को दूसरी बार सांसद बनाया है। वायनाड की जनता ने राहुल का साथ तब दिया था जब अमेठी से राहुल को हार का सामना करना पड़ा था। 2019 में भी राहुल ने वायनाड ने 4 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीता।बता दें कि 2009 के परिसीमन के बाद वायनाड सीट बनी थी।तब से वायनाड से कांग्रेस ही जीतती रही है।वायनाड की जनता हमेशा कांग्रेस के साथ रही है।वायनाड लोकसभा कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाती है।ऐसे में राहुल के लिए इसे छोड़ने का निर्णय लेना भी आसान नहीं होगा।समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव करहल विधानसभा से विधायक हैं।इस बार कन्‍नौज से अखिलेश ने चुनाव लड़ा और 1.70 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की। अखिलेश को 6 लाख 42 हजार 292 वोट मिले।कुल वोट का 52.74% अखिलेश को मिला है। अब सवाल ये उठता है कि अखिलेश विधायक बने रहेंगे या सांसद।खबरों का बाजार गर्म है कि अखिलेश, करहल विधानसभा छोड़ सकते हैं।करहल से सपा के नेतओं ने चुनाव लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है,लेकिन इसकी कोई आधिकारिक सूचना अभी तक नहीं दी गई है,लेकिन अखिलेश का ये निर्णय लेना क्‍या सही होगा, जब अगले कुछ साल बाद यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं।वहीं सपा को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर आगे बढ़ाने के लिए अखिलेश का राष्‍ट्रीय राजनीति में होना जरूरी है। ऐसे में अखिलेश के सामने भी यह धर्मसंकट है।सियासी गलियारों में ऐसी अटकलें भी लग रही हैं कि रायबरेली में कांग्रेस की विरासत प्रियंका गांधी वाड्रा संभालेंगी। राहुल गांधी रायबरेली छोड़ सकते हैं और फिर प्रियंका गांधी रायबरेली से उपचुनाव लड़ेंगी।बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को रायबरेली से चुनाव लड़ाने की खबरें थीं,लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस ने यह निर्णय लिया कि रायबरेली से राहुल गांधी चुनावी लड़ेंगे।

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