● पुण्यतिथि पर याद किए गए क्रांतिकारी देशबंधु चित्तरंजन दास
कोलकाता, 17 जून, गंगा दशहरा एवं पितृ दिवस के पावन अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम की मध्य कोलकाता इकाई ने, संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी के अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में तीसरे कार्यक्रम के रूप में एक अभूतपूर्व आभासी काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रांतीय सह महामंत्री बलवंत सिंह गौतम उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजन का भार सम्भाला मध्य कोलकाता के जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा एवं जिला महामंत्री स्वागता बसु ने और संचालन किया सौमि मजुमदार ने। कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ आलोक चौधरी की सरस्वती वन्दना एवं जिला महामंत्री स्वागता बसु के स्वागत भाषण के साथ। इस अवसर पर जिन रचनाधर्मियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की उनके नाम हैं – कुमारी श्रेष्ठा, रिंकी गुप्ता, रीता चन्द्र पात्रा, रेखा रजक, विष्णुप्रिया त्रिवेदी, सीमा शर्मा, विकास ठाकुर, श्वेता गुप्ता श्वेताम्बरी, सौमि मजुमदार, आलोक चौधरी, ऊषा जैन, राजीव मिश्रा, स्वागता बसु, रामाकांत सिन्हा एवं बलवंत सिंह गौतम। अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ० गिरिधर राय ने गंगा जी के आविर्भाव पर व्याख्यान देते हुए अपनी रचना– ‘गौ गंगा गीता गायत्री जैसे अपने चारों धाम’ सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम के मध्य, बंगाल के क्रांतिकारी देशबंधु चित्तरंजन दास को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण भी किया गया। कार्यक्रम में, श्रोताओं के रूप में देवेश मिश्र, ललिता जोशी, भारती मिश्रा, हिमाद्री मिश्रा, मनोरमा झा,नीलम झा, रंजना झा, आशुतोष मणि त्रिपाठी, कनिका साहा एवं शिवानी वर्मा भी उपस्थित रहीं। धन्यवाद ज्ञापन जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने किया।
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