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सोमवार, 29 अप्रैल 2024

कुकुरमुत्ता की तरह खुले हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन बिना डिग्री के झोला छाप डाक्टर कर रहे इलाज

कौशाम्बी नगर पंचायत चरवा और उसके आसपास में इन दिनों अवैध अस्पतालों की बढ़ सी आ गई है। चार दिन किसी अस्पताल में काम करने के बाद झोला छाप डाक्टर अपने आप को किसी एमबीबीएस से कम नहीं लगाते हैं और हॉस्पिटल खोलकर बैठ जाते हैं। स्वास्थ विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा आम जनमानस को भुगतना पड़ता हैं। नगर पंचायत चरवा के भरवारी मनौरी रोड पर न्यू उन्नति हॉस्पिटल खुली है जो मानक विहीन और बिना डिग्री धारक डॉक्टर इसका संचालन कर रहा है बता दे कि जिन बड़े डाक्टरों का नाम लिखकर आम जनता से पैसे वसूल रहे हैं उसका कभी इन हॉस्पिटलों में दर्शन तक नहीं हुआ है। इनका मकसद सिर्फ क्षेत्र की जानता को गुमराह करना है। किसी दिन इन अस्पतालों की वजह से कोई बड़ी घटना घटित हो जायेगी तब स्वास्थ विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद से उठेगी और तब तक बहुत देर हो चुकी होगी बिना अनुभव और बिना डिग्री लिए कैसे इनको हॉस्पिटल चलाने का परमिशन मिलता है और कौन देता है परमिशन यह सवालों के घेरे में है। कही सीएमओ की मेहरबानी और सेवा शुल्क के भरोसे तो नही अवैध अस्पताल सचलित हो रही है
बाते दे की नगर पंचायत चरवा में एक मेडिकल स्टोर भी ऐसा है जहां हाथी के दांत खाने को कुछ और दिखाने को कुछ और , मानिक मेडिकल स्टोर के नाम से सचालित यह मेडिकल स्टोर नही पूरा हॉस्पिटल है बाहर मेडिकल स्टोर दिखने को और अन्दर भरी पूरी हॉस्पिटल है बकायदा मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जाता है मेडिकल स्टोर संचालक पहले एक डॉक्टर के यहां दवाइयों को लाने ले जाने का काम करता था और कैसे एमबीबीएस डॉक्टर बन गया भगवान जाने इसी कड़ी में चरवा से पूरे अयोध्या की ओर आने वाली रोड किनारे आर एस नर्सिंग होम नाम की एक अस्पताल खुली है जिसका न तो स्वास्थ विभाग से रजिस्ट्रेशन है और ना तो कोई परमिशन है और न ही इसमें कोई पढ़ा लिखा डॉक्टर है बता दे की इसका संचालन भी एक झोला छाप डाक्टर करता है जो कुछ दिनों एक निजी अस्पताल में रहकर खुद को एमबीबीएस से कम नहीं समझाता है। मिली जानकारी के मुताबिक मनौरी भरवारी रोड नगर पंचायत चरवा चरवा के सरकारी अस्पताल के बगल में एक आदर्श क्लीनिक नमक अवैध अस्पताल है कुछ दिन पहले स्वास्थ विभाग द्वारा सीज करने की सूचना मिली थी फिर भी वह अस्पताल अभी भी संचालित हो रही हैं। स्वास्थ विभाग सीएमओ को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि अवैध रूप से संचालित अस्पतालों को बंद किया जाए और जनता के साथ दवा इलाज के नाम पर धोखेबाजी मक्कारी और धनदोहन बन्द हो सके.

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