लोकसभा चुनाव के दौरान अनुमति लेकर महाराणा प्रताप जयंती 9 मई पर मल्यापर्ण कर राष्ट्र गौरव के नाम एक दीपक हर क्षत्रियों के घर जले .राघवेन्द्र सिह राजू
प्रयागराज राष्ट्रीय अध्यक्ष का उत्तर प्रदेश प्रवास महाराणा प्रताप जयंती अवकाश को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेगे लखनऊ पंजीकृत कार्यालय पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा पदाधिकारियों से वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिह राजू ने कहा कि देश का चुनाव मुद्दों पर नही अब तुष्टीकरण संतुष्टीकरण उन्होंने कहा कि धर्म आधारित राजनीति तो ऐसी होती जिसमे व्यक्ति न खुद चैन से रह सकता न किसी दूसरे को चैन से रहने देता.जबकि महंगाई अर्थव्यवस्थाओं बेरोजगारी किसानो की समस्याओं पर कोई चर्चा नही जबकि हम भारत को आत्मनिर्भर विश्वगुरु बनाने जा रहे राघवेन्द्र्राजू ने कहा कि वोट की राजनीति के कारण स्व पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिह ने दस सालो से बंद पडी मंडल कमीशन रिपोर्ट को निकाल कर अो बी सी को खुश किया क्योंकि सत्ता चाहिए पर आज कोई नाम नही लेता देश मे अपर कास्ट आज क्षत्रियों की हालात क्या अपने लक्ष्य को ऊँचा रखो और तब तक मत रुको जब तक आप इसे हासिल नहीं कर लेते है। राघवेन्द्र सिह राजू ने कहा कि अंग्रेजी तिथि अनुसार 9 मई को राष्ट्र गौरव महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जा रही मध्यप्रदेश सहित कई राज्यो मे अवकाश है
उत्तर प्रदेश मे भी था किन्तु परन्तु भाजपा सरकार ने लिया आदेश वापसी किया हम चाहते जंयती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर सरकार राष्ट्रीय कार्यक्रम करे
यह प्रश्न लोकसभा मे पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिह ने उठाया था
क्षत्रियों मे असंतोष पर कहा कि सामूहिक एकता एकजुटता यह सबको तय करना होगा अस्वस्थ होने वायरल के कारण कार्यक्रमो मे वह नही जा रहे.कहा बताया कि क्षत्रिय - धर्म के लोगों में क्या आवश्यकता से अधिक सहन शक्ति हमारी कमजोरी है या हमारी शक्ति क्षीण है?
मनुष्य सदियों से सुख शांति स्वास्थ्य ,शक्ति समृद्धि प्रेम व आनंद की तलाश में भटकता रहा है,जिन्होंने जीवन में सत्य को जाना है ,उन्होंने अपनी अपनी अनुभूतियों के आधार पर ,उसे अभिव्यक्त किया है इस क्रम में रामकृष्ण भगवान बुद्ध, महावीर जीजस, मोहम्मद, नानक, कबीर ,मीरा ,जैसे महान विभूतियों ने समय-समय पर अपनी जागृत चेतना इस धरती से अंधकार को मिटाने के लिए हर संभव प्रयास किया मित्रों बुरे वक़्त में कंधे पर रखा गया हाथ कामयाबी पर बजी हुई तालियों से ज्यादा मूल्यवान होती है।हमे आज आत्म चिंतन करने की। वैसे तो क्षत्रियो का गौरवशाली व बलिदानी इतिहास रहा है हमारे पूर्वजों ने देश ,क्षात्र धर्म व न्याय के लिए लड़ाई लड़कर सिर कटाये है। क्षत्राणियो ने हँसते हँसते आरती व तिलक कर जवान बेटा व पतियो को बलिदान के लिए जंग में भेज दिया था ,लेकिन कुछ संकीर्ण बुद्धि के लाेग राजपुताना इतिहास को धूमिल करने का प्रयास कर रहे है।लेकिन यह याद रखाे ,किखून से लिखा इतिहास हमारा खून से शब्द सजोए है
सिर कटते थे धड़ लड़ते थे
तभी हम क्षत्रिय कहलाये ..
उन्होंने राष्ट्र गौरव को नमन कर उनके चित्र पर 9 मई को सभी माल्यार्पण कर एक दीपक जरूर रखे .
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