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सोमवार, 22 अप्रैल 2024

कई राज्यों की पुलिस कर रही थी तलाश, डालिम्स स्कूल के शाखा का मालिक निकला नकली नोट छापने के गिरोह का सरगना, दर्ज हैं 31 मुकदमे

सैदपुर मौधा स्थानीय खानपुर पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम को बहुत बड़ी सफलता मिली है। टीम ने कई राज्यों के वांछित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए नकली नोट छापने वाले 3 अंतर्राज्यीय शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से कुल 99 हजार 200 रूपए के नकली नोट सहित छापने वाले प्रिंटर, नकली नोट के कागज व 2 बाइक बरामद कर लिया। पकड़े गए बदमाशों पर राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश में कुल 36 मुकदमे हैं, जिसमें से सिर्फ एक ही बदमाश पर 31 मुकदमे हैं। उक्त बदमाश जिले के वरिष्ठ पत्रकार रह चुके स्व. फूलचंद भारती का बेटा है और पूर्व में भी कई बार जेल जा चुका है। पूर्व में उसने चिटफंड कंपनी बनाकर भी बहुत से लोगों के जीवन भर की गाढ़ी कमाई को साफ कर दिया है। पुलिस को सूचना मिल रही थी कि जिले में नकली नोटों का कारोबार काफी सक्रिय हो गया है। जिसके चलते पुलिस नजर बनाए हुए थी। जिसके आधार पर संयुक्त टीम ने कई संदिग्धों को राडार पर रखा था। इस बीच सूचना मिली कि बिहारीगंज डगरा व शिवदास पोखरा मोड़ से उक्त बदमाश नोटों की खेप लेकर गुजरने वाले हैं। जिसके बाद टीम सक्रिय हो गई और जाल बिछा दिया। जैसे ही दोनों स्थानों से तीनों बदमाश गुजरे, टीम ने उन्हें धर दबोचा और तत्काल लेकर थाने आए। तलाशी में उनके पास से कुल 99 हजार 200 रूपए के नकली नोट मिले। जिसमें 500 रूपए के 30, 200 रूपए के 276 व 100 रूपए के कुल 290 नोट मिले। इसके अलावा उनकी निशानदेही पर नोट छापने वाला प्रिंटर, नोट के सादे के कागज के 15 पेपर, नोटों की फीडिंग के 34 पेपर, दो बाइकें व एक ही व्यक्ति के फोटो पर अलग-अलग नाम से बनाए गए 4 फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुए। उन्हांने अपना नाम विजय भारती पुत्र स्व. फूलचंद भारती निवासी सिधौना खानपुर, विशेन यादव पुत्र स्व. धर्मराज यादव निवासी रायपुर बाघपुर मरदह व अमित यादव मोनू पुत्र राजेंद्र यादव निवासी करदह कैथवली मरदह बताया। चौबेपुर में डालिम्स सनबीम स्कूल स्थापित करने वाला मुख्य आरोपी विजय भारती ने बताया कि वो आजमगढ़ के मेहनाजपुर में डालिम्स सनबीम स्कूल चलाता है। बताया कि उसी स्कूल के एक कमरे में उसने प्रिंटर लगाया है। वहीं पर वो नकली नोट छापने का काम करता है। वहां छपाई के बाद उसके सहयोगी विशेन व अमित यादव के साथ वो उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ ही बिहार, झारखंड, राजस्थान, दिल्ली आदि कई प्रदेशों में जाकर नकली नोटों की खेप को खपा देता था। बताया कि उसके खिलाफ कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। जिसके चलते उसकी कई राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी, यही वजह है कि उसने कई फर्जी नामों से कई आधार कार्ड बनवा रखा है। ताकि पुलिस से बच सकूं। जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी विजय भारती पूर्व में चिटफंड कंपनियों में बहुत से लोगों की जीवन भर की गाढ़ी कमाई जमा करवाकर घोटाला कर चुका है। वो वाहनों का भी नकली नाम से लोन कराता था और फिर नकली नाम होने की वजह से बैंक को कभी मिलता ही नहीं था। इसके अलावा उसने शुरूआती दौर में ही एक एनजीओ बनाकर एलआईसी के साथ काम किया और उसमें भी लोगों की गाढ़ी कमाई को गबन कर लिया था। वर्तमान में वो शिवकुमार के फर्जी नाम से क्षेत्र में सक्रिय था। वो यहीं पर नहीं रूका बल्कि इसमें उसने अपनी पत्नी को भी शामिल कर लिया था। बताया जाता है कि राजस्थान पुलिस ने उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया था। जिसके चलते उसकी पत्नी की मौत भी हो चुकी है। उसके करतूतों की सजा उसकी पत्नी को अपनी जान देकर भुगतनी पड़ी थी, क्योंकि उसने इन कामों में अपराधी पति का साथ दिया था। विजय भारती पर वाराणसी, चंदौली आदि के कई थानों व राजस्थान के कई जिलों सहित कई थाने में कुल 31 मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा उस पर वाराणसी के चौबेपुर थाने में हत्या के प्रयास का भी मुकदमा दर्ज है। वहीं अमित पर कुल 4 व विशेन पर 1 मुकदमा दर्ज है। मुख्य आरोपी विजय भारती के पिता स्व. फूलचंद भारती गाजीपुर जिले में पत्रकारिता जगत के पुरोधा रह चुके हैं और उनका पुत्र इस तरह के कार्यों में लिप्त है, इसी वजह से परिवार के सभी सदस्यों ने उससे हर तरह का नाता तोड़ लिया है।

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