गाजीपुर । फिल्मी स्टाइल में अपराधिक वारदातों को अंजाम देना मुख्तार अंसारी का शौक था। 80 के दशक में ही जरायम की दुनिया में एक चेहरा उभरकर सामने आया था। जिसका नाम रणजीत सिंह ‘सिकंदरपुर’ था। मकनू सिंह और साधू सिंह गैंग के एंटी होकर रणजीत सिंह ने अपराध जगत में भूचाल मचा दिया था। साहब सिंह को रणजीत सिंह अपना गुरु भाई मानता था। अपने गुरु साधू के दुश्मनों का खात्मा करने का जुनून मुख्तार के जेहन में समा गया था। साहब सिंह की हत्या के आसपास ही रणजीत सिंह की भी हत्या हुई थी।रणजीत सिंह ‘सिकंदरपुर’ का घर नगर क्षेत्र के सिकंदरपुर मुहल्ले में गंगा नदी केे किनारे पर स्थित है। ठीक ‘डीएम’ बंगले के पीछे ही रणजीत सिंह का आवास था। गुरु भाई के जानी दुश्मन का खात्मा करने के लिए मुख्तार अंसारी ने योजना बनाई थी। इस योजना में अताऊर्रहमान उर्फ बाबू को भी शामिल किया था। योजना को अंजाम देने के लिए रणजीत सिंह के घर के पास ही स्थित रामू मल्लाह के कच्चे घर को चुना गया। उस वक्त रामू मल्लाह उम्र में काफी छोटा था। उसके घर की उस दीवार में होल किया गया जहां से रणजीत सिंह का पूरा मकान दिखता था। कई दिनों तक रेकी की गई। मुखबिरी के लिए एक अखबार के हॉकर को चुना गया जो सुबह के वक्त रणजीत सिंह के घर पर अखबार पहुंचाने के लिए आता-जाता था।योजना बनाने वालों को पता चल गया था कि रोजाना अखबार लेने के लिए रणजीत सिंह अपने गेट पर आता था। फिर क्या था घटना को अंजाम देने के लिए शूटर रामू मल्लाह के घर में छिप गये। पूरी रात रणजीत सिंह के घर को टारगेट पर रखा गया। रात के बाद भोर हुआ फिर सुबह इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया। सूत्र बताते है कि दीवार के होल से अताऊर्रहमान उर्फ बाबू ने ही रणजीत सिंह पर गोलियां दागी थी। सूत्र तो यहां तक बताते है कि मुख्तार से भी अधिक निशानेबाज अताऊर्रहमान उर्फ बाबू था। इस मामले में मुख्तार अंसारी व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन वर्षो बाद इस मामले में सुलह-समझौता हो गया।
बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड के बाद रामू मल्लाह का परिवार पूरी तरह से बेघर हो गया था। उस वक्त रामू उम्र में काफी छोटा था। ऐसे में मुख्तार अंसारी ने उसके परिवार की आर्थिक मदद की और बाद में जब रामू मल्लाह उम्र की एक दहलीज पर पहुंच गया तो मुख्तार अंसारी ने उसे अपने गैंग में शामिल कर लिया। मुख्तार अंसारी के विश्वसनीय शूटरों में रामू मल्लाह भी एक है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड समेत अन्य कई हत्याओं में मुख्तार अंसारी के साथ रामू मल्लाह की नाम भी प्रकाश में आता गया और इस प्रकार रामू मल्लाह पुलिस रिकार्ड में मुख्तार के शूटर के रुप में दर्ज हो गया। कुछ समय पूर्व रामू देवरिया की जेल में बंद था। वर्तमान में वह किसी जेल में बंद है या फिर जेल से बाहर इस बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है।
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