● ज्ञानवापी तहखाने में पूजा
तहखाने में मिल गया, पूजा का अधिकार
प्रतीक्षारत नन्दी थे, स्वप्न हुआ साकार
स्वप्न हुआ साकार, प्रतिष्ठित होंगे शंकर
भोले का है धाम, कह रहे कंकर कंकर
कहते *गिरिधर राय*- काम आये न बहाने
मंदिर के सब साक्ष्य, दे रहे हैं तहखाने
● शिव की काशी
काशी में है हो चका, विडियोग्राफी काज
एक-एककर खुल रहे, सभी मुगलिये राज
सभी मुगलिये राज, बंद होंगे अब ढाबा
रोक सके तो रोक, खड़े हैं भगवा बाबा
कहते *गिरिधर राय*- कि हम हैं भारतवासी
लिये राम का अवध, न देंगे शिव की काशी
✍️ डॉ.गिरिधर राय, कोलकाता
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