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सोमवार, 29 जनवरी 2024

प्रधानमंत्री मोदी का उपवास खुलवाने वाले स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज ......

प्रयागराज। जब संत स्वामी गोविंद देव गिरी के हृदय में फूटा मां का वात्सल्य और बोलते-बोलते हो गए भावुक जब अचानक मोदी ने कहा: “आप मुझे और कुछ नहीं पिलाइए। मुझे भगवान श्रीराम का चरणामृत पिलाइए….”
रामानुज जब अयोध्यापुरी में 22 जनवरी-2024 को सोमवार को अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भव्य-दिव्य राम मंदिर के बाहर स्वामी गोविंद देव गिरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चरणामृत (तीर्थ) पिला रहे थे तो उनके हृदय में मां का वात्सल्य फूट गया था। उनमें मां जैसा वात्सल्य उत्पन्न होना कोई सहज, सामान्य बात नहीं थी। यह एक ऐसे स्वामी गोविंद देव गिरी के हृदय में उत्पन्न हुआ था जो कोई सामान्य स्वामी नहीं हैं। वह बहुत ही ख्यातिलब्ध और देश-दुनिया भर में रामायण और भगवद्गीता जैसे पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते रहते हैं।स्वामी गोविंद जी बताते हैं कि वह तो प्रधानमंत्री के उपवास का उपोषण यानी व्रत खुलवाने के समय उनकी आतुरता को देखकर अचानक भावुक और मां के वात्सल्य से भर गए थे। यह बताते हुए भी भावुकता में उनका गला रुंध गया था। अति भावुक हुए स्वामी गोविंद देव गिरी श्रीराम लला की प्रतिष्ठा के उपरांत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उपवास खुलवाने के समय अपने मनोभावों को अगले दिन मीडिया को बताते हुए बोले,मैं तो समझता नहीं था कि उनके मुख में मुझे तीर्थ पिलाना है। मैं तो चरणामृत के रूप में तीर्थ देने के लिए उनके कहने से लाया था। एक बात और बता देता हूं, वास्तव में जो सोचा था! जल में शहद और नींबू की दो बूंद डालकर उनको पिला देने की बात हमने सोच थी, जोकि प्राय: हम लोगों को जिसका उपोषण पूरा करना होता है, हम लोग करते हैं। लेकिन उन्होंने मुझे आते-आते अलग से कहा था कि आप मुझे और कुछ नहीं पिलाइए। मुझे भगवान श्रीराम का चरणामृत पिलाइए, इसीलिए समय पर हम लोगों को यह सब बदलना पड़ा। जब वो भी जैसा तीर्थ दिया जाता है मंदिर में, मैं वैसे ही उनको देने वाला था। लेकिन उन्होंने धीरे से कहा, पिलाओ न!तो एकदम आपको सच्ची बात बताता हूं, मेरे मन में माता का वात्सल्य जागृत हो गया। मैं उनकी माताजी काे बहुत अच्छी तरह से जानता रहा हूं। मेरे अंतत:करण में उस समय मातृत्व भाव था। मेरे अत्यंत अच्छेलाल, जो देश के होनहार हैं। उनको पिला रहा हूं और उनका उपवास पूरा कर रहा हूं”।प्रधानमंत्री मोदी को लेकर स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज ने कहा-स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना शिवाजी महाराज से करते हुए उनकी तारीफ की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को देखकर कहा कि, बस उस एक राजा की याद आती है, जिसमें यह सब कुछ था। उस राजा का नाम था शिवाजी महाराज। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को राजर्षि की भी उपाधि दी।
स्वामी गोविंद गिरी ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री मोदी से 3 दिन का उपवास करने के लिए कहा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिन का पूरा व्रत विधि-विधान से किया। हमने उन्हें 11 दिन एक समय का उपवास करने को कहा था, लेकिन उन्होंने तो इस दौरान अन्न को ही त्याग दिया। गोविंद देव गिरी ने कहा कि ऐसा तपस्वी राष्ट्रीय नेता का मिलना आसान नहीं है। हमने विदेश प्रवास के लिए मना किया था। प्रधानमंत्री ने इसे भी माना। हमने तीन दिन भूमि शयन के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने 11 दिन ऐसा किया।श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिन का अनुष्ठान किया था। इस दौरान, उन्हें अन्न के बजाय फल खाए थे और चारपाई पर नहीं बल्कि जमीन पर सोए। प्रधानमंत्री ने इन नियमों का विधि-पूर्वक पालन किया।
स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज ने बताया कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए खुद को सिद्ध करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने नियमावली भी मंगवाई थी।स्वामी गोविंद देव गिरी ने इस बारे में मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के बारे में वह कोई बात भावुकता में नहीं बोले बल्कि उन्हें जो सत्य अनुभव हुआ, वही उन्होंने बोला और राजर्षि की उपाधि दी और उनकी तुलना शिवाजी महाराज से की। 
कहां से हैं स्वामी गोविंददेव गिरी जी महाराज?स्वामी गोविंददेव गिरी जी महाराज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 15 सदस्यों में से एक हैं और ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष भी हैं। उनका जन्म वर्ष 1950 में महाराष्ट्र के अहमद नगर में हुआ था। वह रामायण और भगवद् गीता जैसे पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं। उनके गुरु पांडुरंग शास्त्री हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 15 सदस्यों में जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद जी महाराज, जगद्गुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, हरिद्वार के युगपुरुष परमानंद और निर्मोही अखाड़े के महंत धीरेंद्र दास भी शामिल हैं। चंपत राय ट्रस्ट के महासचिव हैं। वर्ष 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला सुनाया था तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाया गया था। इस ट्रस्ट को श्रीराम मंदिर निर्माण और देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई। सरकार ने ट्रस्ट के लिए 15 सदस्यों के नाम की घोषणा की थी, जिनमें 9 स्थायी सदस्य और 6 नामांकित सदस्य शामिल हैं। ट्रस्ट का सदस्य चुने जाने पर स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज ने खुशी जाहिर करते हुए खुद को भाग्यशाली बताया था। उन्होंने कहा कि वर्षों की कड़ी मेहनत और प्रभु श्रीरामचंद्र की पूजा करने से उन्हें भगवान राम की सेवा करने का सुअवसर मिला है

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