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बुधवार, 29 नवंबर 2023

समीक्षा बैठक में गो-आश्रयों की व्यवस्था पर संजीदा दिखे प्रभारी डीएम खीरी, दिए आवश्यक निर्देश

● प्रभारी डीएम ने ली अफसरों की बैठक, दिए निर्देश

लखीमपुर खीरी 29 नवंबर। बुधवार को प्रभारी डीएम/सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपदीय अधिकारियों की विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत समीक्षा की एवं संबंधित को जरूरी दिशा निर्देश दिए।

प्रभारी डीएम/सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने शीत ऋतु मे निराश्रित, बेसहारा गौवंश के संरक्षण, गो-आश्रय प्रबन्धन एवं नवीन गो-आश्रय स्थल के चयन, आयुष्मान गोल्डन कार्ड, आगंनबाडी केन्द्र के निर्माण कार्य, पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थी एवं मनरेगा के श्रमिक जोड़ने, अमृत सरोवर निर्माण एवं वृक्षारोपण, सोशल आडिट अनुपालन एवं वसूली जमा, जल जीवन मिशन, फैमिली आईडी, स्वंय सहायता समूह का गठन व उनके एमआईएस, मनरेगा योजना से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानो के निमार्ण, स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की संबंधित को जरूरी दिशा निर्देश दिए।

प्रभारी डीएम ने कहा कि जिले में अन्नपूर्णा भवन की स्थापना कराने में पूरी टीम ने महती भूमिका निभाई। निर्देश दिए कि निर्माणधीन अन्नपूर्णा भवन में और अधिक तेजी लाकर पूरा कराए।उन्होंने कहा कि सभी के समेकित प्रयासो से गत एक माह में एक लाख 43 हजार आयुष्मान कार्ड बने है। इस गति को और अधिक बढ़ाते हुए अवशेष लोगों का आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाया जाए। आशा और पंचायत सहायकों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य देकर मॉनिटरिंग करे। 

डीएम के पूछने पर जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की तैयारी बताई। 14 एवं 16 दिसंबर को जिले में जीआईसी ग्राउंड में सामूहिक विवाह आयोजित होगे। अबतक 1000 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने ब्लॉकवार प्राप्त आवेदन की प्रगति भी बताई।

● ठंड से बचाव के लिए गोआश्रय स्थलों में की जाए फुलप्रूफ व्यवस्था: डीएम

प्रभारी डीएम अनिल कुमार सिंह ने अफसरों को निर्देश दिया शरद ऋतु को देखते हुए गोवंशों को ठण्ड से बचाव के लिए फुलप्रूफ व्यवस्था की जाए। डीएम ने सुझाव दिया कि बिछावन के लिए पुआल/लकड़ी बुरादा/गन्ने की खोई आदि का प्रयोग करें, और बिछावन को समय-समय पर बदलते भी रहे। ऐसा प्रबन्ध करें कि देर तक पशुबाड़े को धूप मिलती रहे। शीत ऋतु में पशुओं को ताज़ा पानी ही पिलायें। पशुओं को जूट के बोरे का झूल पहनायें। गोवंशों के बाड़ों में सीधी हवा न आए इसके लिए भी आवश्यक प्रबन्ध किए जाए।

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