प्रयागराज। उमेशपाल हत्याकांड को लगभग 10 महीने बीत चुके हैं। इस मामले में कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। कुछ का एनकाउंटर हो गया है तो इसके सूत्रधार माफिया अतीक और अशरफ की हत्या हो गई थी। हालांकि अभी भी कई आरोपी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में पूरे देश में छापे मार चुकी है, लेकिन अभी भी वह हाथ नहीं लगे हैं। अब इस मामले में एक आरोपी के लोकेशन का सुराग पुलिस को लगी है।उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाए गए 50 हज़ार के इनामी नफीस बिरयानी का इनपुट प्रयागराज पुलिस को दिल्ली में मिला है। पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली है कि नफीस फरार होकर पहले हैदराबाद गया। वहां कई महीने रुकने के बाद उसने दिल्ली में आसरा लिया। इनपुट के मुताबिक नफीस एक होटल में रुका है और अपने किसी रिश्तेदार की मदद से शाहीन बाग में एक बिरयानी शॉप खोलने या पहले खुली बिरयानी शॉप को टेक ओवर करने की बात कर रहा है। इसके लिए उसके कुछ दिल्ली के पुराने साथी भी मदद कर रहे हैं। बता दें कि नफीस की ही क्रेटा कार से अतीक के बेटे और शूटर उमेश पाल को मारने आये थे।
नफ़ीस माफिया अतीक के भाई अशरफ का खास दोस्त था
प्रयागराज के खुल्दाबाद के रोशन बाग का रहने वाला नफ़ीस माफिया अतीक के भाई अशरफ का खास दोस्त था। दोनों इस्लामिया इंटर कॉलेज में साथ ही पढ़ते थे। 2006 के आस-पास अशरफ ने अपनी दबंगई के बल पर इसे सिविल लाइन्स में EAT ON बिरयानी शॉप खुलवाई। जिसमें अशरफ ने ही पैसा लगाया था देखते ही देखते नफीस ने ईट ऑन बिरयानी को एक ब्रांड बना दिया और पूरे प्रयागराज शहर में इसका नाम बड़े बिजनेस मैन में शुमार हो गया। नफीस हर महीने मोटी रक़म अशरफ़ को देता था इसके बदले उसको पूरे सिविल लाइन्स में अतीक के गुर्गे उसको शेल्टर देते थे।2017 के बाद योगी सरकार ने जब ऑपरेशन माफिया चलाया तो इसकी जद में नफीस बिरयानी भी आ गया। सिविल लाइन्स के नवाब यूसुफ रोड पर 500 गज की जिस सरकारी ज़मीन पर बिरयानी शॉप के लिए किचन बनाया था, उसको विकास प्राधिकरण ने बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया था और इसकी बिरयानी शॉप पर भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई थी। हालांकि माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की वजह से सिविल लाइन्स जैसे पॉश इलाके में PD टण्डन रोड पर इससे भी बड़ी जगह किराये पर ली। इसके बाद नफीस ने 2 साल में फिर से बिरयानी का साम्रज्य खड़ा कर लिया लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद से हालात फिर बदल गए।उमेश पाल हत्याकांड में जिस क्रेटा कार से अतीक का बेटा असद, शूटर अरबाज़ और साबिर आये थे। नफीस की वो कार अतीक के बेटे असद के पास ही रहती थी। हत्याकांड के बाद आरोपी कार को चकिया में छोड़ कर फरार हो गए थे। पुलिस ने जब कार जब्त की और नम्बर से इसके मालिक का पता लगाया तो इसमें मोहम्मद रुक्सार का नाम सामने आया। आगे की जांच में पुलिस को पता चला की हत्याकांड के कुछ महीने पहले नफ़ीस ने अपने रिश्तेदार रुक्सार को ये कार बेची थी।अब उमेश पाल हत्याकांड की विवेचना में नफ़ीस बिरयानी का भी नाम जोड़ा गया है। पुलिस ने उसके ऊपर 50 हज़ार का इनाम घोषित किया है। इनाम घोषित करने के बाद पुलिस उसकी तलाश में कई जगहों पर रेड कर चुकी है लेकिन अब तक उसका पता नहीं चला था। हालांकि पुलिस को पुख्ता इनपुट मिला है कि नफ़ीस हैदराबाद में रहने के बाद दिल्ली आ गया और शाहीन बाग इलाके में बिरयानी का बिजनेस शुरू करने की कोशिश में है।
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