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शुक्रवार, 8 सितंबर 2023

इतिहास में पहली बार डायोसिस ऑफ लखनऊ में हुए दो बिशप

निष्कासित बिशप ने बेटी के स्कूल के कैमरों से लेस किया बिशप हाउस। लगा दिया अपना बोर्ड।

 डायोसिस ऑफ लखनऊ (सीएनआई) में बिशप मोरिस एडगर दान की बतौर बिशप सीएनआई सीनड द्वारा  नियुक्ति किए जाने के बाद अब कार्यालय को लेकर खींच-तान चल रही है। ताज़ा जानकारी के हवाले से खबर है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते निष्कासित पीटर बलदेव अब भी ख़ुद को बिशप बताते हुए प्रसाशन पर अपना रौब झाड़ रहे हैं यही नहीं पीटर बलदेव ने अब बिशप हाउस मुख्यालय पर अपने नाम का बोर्ड भी लगवा दिया है। हाल यह है कि बिशप हाउस और पूरा परिसर पीटर बलदेव ने अत्याधुनिक कैमरों से लेस कर रखा है और यह कैमरे कहीं और से नहीं उनकी अवैध कार्यवाहक प्रिन्सिपल पुत्री के स्कूल से लाखों के बिल बना कर निकाले गए हैं । पीटर बलदेव की गुंडागर्दी का आलम यह है कि उसको ना ही क़ानून का डर है और ना ही प्रदेश सरकार का । जो ख़ुद थाने में जा कर मनगढ़ंत आरोप लगा कर यथास्थिति का हवाला देते हुए झूठी तहरीर देता है , और प्रसाशन को गुमराह करते हुए अपने नाम का बोर्ड लगा देता है। आप को बताते चले पीटर बलदेव के ख़िलाफ़ आपराधिक धाराओं में लगभग 14 से अधिक मामले दर्ज हैं और यही नहीं प्रदेश सरकार ने कार्यवाही करते हुए गैंगेस्टर की धाराओं में जेल भेजा था जिसके बाद पीटर बलदेव को सशर्त जमानत दी गई और अब हाल यह है कि पीटर बलदेव डायोसिस ऑफ लखनऊ समेत कई स्कूलों पर अपना क़ब्ज़ा कर चुका है। सशर्त ज़मानत के बाद पीटर बलदेव और भी अधिक ख़ूँख़ार हो चुका है और जैसे तैसे चर्च संपत्ति को क़ब्ज़ा करने में लग गया है। पीटर बलदेव की पुत्री पारुल सोलोमन जो ख़ुद अपने पिता द्वारा अवैध तरीक़े से कार्यवाहक प्रिन्सिपल नियुक्त की गई थी वह अब स्कूल में पढ़ रही छात्राओं के फ़ीस के पैसों से अपने पिता पीटर बलदेव को आर्थिक मदद दे रही हैं । डायोसिस ऑफ लखनऊ के पदाधिकारियों की नाकामी और चापलूसी के कारण पीटर बलदेव जैसा अपराधी आज खुले आम चर्च सम्पत्ति पर क़ब्ज़ा कर अपने अपराध को अंजाम दे रहा है ।

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