● गुजरात के लोकनृत्यों की समृद्ध परम्परा पर पद्मा करेंगी शोध
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अहमदाबाद। लेखिका पद्मा कासरे को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने देश की प्रतिष्ठित सीनियर फेलोशिप प्रदान की है। कला एवं संस्कृति के सम्वर्द्धन में उत्कृष्टतम योगदान प्रदाताओं को फेलोशिप दिए जाने की योजना के तहत मंत्रालय ने उनका चयन किया है। संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सी.सी.आर.टी.) के निदेशक ऋषि वशिष्ठ द्वारा प्रेषित पत्र के माध्यम से उन्हें यह सूचना मिली है।
महानगर के चाँदखेड़ा स्थित शुभम् पार्क की निवासिनी लेखिका पद्मा कासरे को संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्राप्त फेलोशिप के तहत दो वर्ष में अपना शोधकार्य पूरा करना होगा। इस निमित्त उन्हें बीस हज़ार रुपये प्रतिमाह की अध्येतावृत्ति प्रदान की जाएगी। उनके स्वीकृत शोध-अध्ययन का विषय-शीर्षक 'गुजरात के लोकनृत्य : समृद्ध परम्परा, नए आयाम' है। गुजरात विद्यापीठ से जनसंचार एवं पत्रकारिता की परास्नातक श्रीमती कासरे लोकजीवन की अध्येता और लेखिका हैं। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएँ प्रकाशित होती हैं। उन्हें अनेक संस्थाओं द्वारा उत्कृष्ट लेखन के निमित्त विविध सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है।
संस्कृति मंत्रालय द्वारा चयनित अध्येता श्रीमती कासरे ने बताया कि गुजरात के गौरवमयी लोकजीवन में लोकनृत्य का अप्रतिम स्थान है। लोकनृत्य का लोकपर्वों और धार्मिक परम्पराओं के साथ पुरातन सम्बन्ध है। उन्होंने बताया कि गुजरात की लोकसंस्कृति में लोकनृत्यों के महत्त्व का सम्यक अध्ययन इस फेलोशिप के तहत किया जाएगा। यहाँ के लोकनृत्यों की वैश्विक लोकप्रियता के विभिन्न पहलुओं का पड़ताल भी इस शोध-अध्ययन का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि शोध के तहत गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों की विविधतापूर्ण नृत्य-शैलियों का अध्ययन किया जाएगा। शोध अन्तर्गत वर्तमान में लोकनृत्यों की व्याप्ति, ग्राह्यता और स्वीकार्यता का आकलन कर आधुनिक जनसंचार माध्यमों में उनके समेकन और उपयोग की संभावनाओं का अध्ययन भी शोध-विषय का अंग है। इस तरह श्रीमती कासरे संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रदत्त देश की इस प्रतिष्ठित फेलोशिप के तहत गुजरात के लोकनृत्यों के वृहत्तर आयामों का अध्ययन कर इस परम्परा की अनुपम धरोहर को सँजोने का कार्य करेंगी।
श्रीमती कासरे को सीनियर फेलोशिप मिलने की गौरवपूर्ण उपलब्धि पर रचनाधर्मी साहित्यकारों, कलाकारों, आत्मीयजनों एवं लोकजीवन से जुड़े सुधीजनों ने बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।
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