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शुक्रवार, 18 अगस्त 2023

प्रयागराज हाईकोर्ट बार एसोसिएशन स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने पर महिला अधिवक्ता सम्मान समारोह संपन्न

प्रयागराज हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने एवं स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम के अनुक्रम में ‘‘महिला अधिवक्ता सम्मान समारोह’’ मुख्य अतिथि  न्यायमूर्ति श्रीमती मंजू रानी चौहान व विशिष्ट अतिथिगण के रूप में न्यायमूर्ति श्रीमती साधना रानी (ठाकुर), न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल एवं  न्यायमूर्ति सुश्री नन्द प्रभा शुक्ला जी की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ जिसमें विधि व्यवसाय के क्षेत्र में 25 वर्ष पूर्ण करने वाली महिला अधिवक्ताओं को प्रथम महिला अधिवक्ता ‘‘कार्नेलिया सोराबजी’’ के सम्मान से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के आरम्भ में सर्वप्रथम बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमित के श्रीवास्तव, महासचिव श्री नितिन शर्मा, मुख्य अतिथि एवं बार एसोसिएशन की महिला पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से माँ भारती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवन किया गया तत्पश्चात् सुश्री प्रीति द्विवेदी, कार्यकारिणी सदस्य द्वारा सरस्वती वन्दना तथा श्रीमती सरिता सिंह, कार्यकारिणी सदस्य द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन अंजना चतुर्वेदी (संयुक्त सचिव महिला) ने किया।उक्त के क्रम में श्रीमती स्वर्ण लता सुमन उपाध्यक्ष ने मुख्य अतिथिगण का संक्षिप्त परिचय कराया तथा मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्रीमती मंजू रानी चौहान जी का सुश्री प्रीति द्विवेदी कार्यकारिणी सदस्य, विशिष्ट अतिथि मा0 न्यायमूर्ति श्रीमती साधना रानी (ठाकुर) जी का श्रीमती सरिता सिंह कार्यकारिणी सदस्य, विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल जी का सुश्री साइमा सहर कार्यकारिणी सदस्य, विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति सुश्री नन्द प्रभा शुक्ला जी का स्वर्णलता सुमन उपाध्यक्ष ने तुलसी का पौधा एवं अंगवस्त्रम् भेंटकर सम्मानित किया।
अतिथियों का स्वागत महासचिव श्री नितिन शर्मा के द्वारा किया गया। तत्पश्चात् महासचिव श्री नितिन शर्मा जी ने दो शब्द सम्बोधित करते हुए कहा कि कार्नेलिया सोराबजी, भारत की प्रथम महिला अधिवक्ता ने महिला अधिवक्ताओं को न्यायालय में कार्य करने हेतु काफी लड़ाई लड़ी। उनके बारे मंे ब्रिटेन की पहली महिला बैरिस्टर नार्मेटन ने कहा था कि कार्नेलिया सोराबजी ने दमदार तरीके से महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ी। औरतों को वकालत की अनुमति दिलवाने में उन्होंने जो पुरजोर संघर्ष किया उसी के बदौलत आज मैं वकील बन पायी। न्यायमूर्ति श्रीमती मंजू रानी चौहान ने सम्बोधित करते हुए कहा कि यह बहुत गौरव का क्षण है कि जिनकी उंगली पकड़कर हम उच्च न्यायालय में आए उन्हीें को आज हम सम्मान दे रहे हैं। आज भी हम वरिष्ठ महिला अधिवक्ताओं से प्रायः सीखते रहते हैं। न्यायमूर्ति श्रीमती साधना रानी (ठाकुर) ने कहा कि आज महिलाएँ सभी क्षेत्रों मंे पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं। महिलाओं को किसी भी प्रकार से कम नहीं आँका जाना चाहिए। पारिवारिक मामलों में परिवार को तोड़ने के बजाय जोड़ने का कार्य किया जाना चाहिए। न्यायमूर्तिगण रेनू अग्रवाल एवं  न्यायमूर्ति सुश्री नन्द प्रभा शुक्ला जी ने भी सभा को सम्बोधित किया।इसके बाद मुख्य अतिथि/विशिष्ट अतिथिगण द्वारा 25 वर्ष से अधिक नियमित रूप से वकालत करने वाली लगभग 45 महिला अधिवक्ताओं को सम्मानित किया गया जिसमें वरिष्ठ महिला अधिवक्तागण श्रीमती शारदा चौहान, श्रीमती सरिता सिंह, श्रीमती एस राठी सम्मिलित थीं। सम्मान पाने वाली अधिवक्ताओं को सम्मानित करने के पश्चात् वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमित के श्रीवास्तव जी के द्वारा कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की गई। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद के पूर्व पदाधिकारियों व प्रयागराज की समस्त बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। उक्त अवसर पर सभी सम्मानित अधिवक्ताओं को उपस्थित रहने का निवेदन किया है।
उक्त अवसर पर आशुतोष पाण्डेय, अशोक कुमार त्रिपाठी, अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, स्वर्णलता सुमन (उपाध्यक्षगण), सर्वेश कुमार दुबे (संयुक्त सचिव प्रशासन), अमरेन्दु सिंह (संयुक्त सचिव प्रेस), अंजना चतुर्वेदी (संयुक्त सचिव महिला), प्रीति द्विवेदी, श्रीमती सरिता सिंह, अभ्युदय त्रिपाठी, विनोद राय, आशुतोष मिश्र (नगरहा), सुधीर कुमार केसरवानी, साइमा सहर, अनिल प्रताप सिंह (कार्यकारिणी सदस्यगण) सहित पूर्व संयुक्त सचिव महिला श्रीमती नीलम शुक्ला, श्रीमती उष्मा मिश्रा, कंचन सिंह, रुचि मिश्रा सहित सैकड़ों महिला अधिवक्ता उपस्थित रहीं।

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